फर्जी शिक्षक भर्ती और करोड़ों के भुगतान में वित्त सेवा के अफसरों की भी बर्खास्तगी तय
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश में हुए शिक्षक भर्ती घपले और करोड़ों रुपये के भुगतान में वित्त सेवा के कई अफसरों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। पहले चरण में देवरिया के सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) विद्यालयों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों में वेतन जारी करने वाले दो तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। साथ ही उस अवधि में देवरिया में तैनात रहे 7 और वित्त एवं लेखाधिकारियों के नामों का भी जिक्र इस रिपोर्ट में किया गया है। यह भी बताया गया है कि इन 7 अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए जांच अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
योगी सरकार ने फर्जी शिक्षकों के वेतन आहरण करने वाले वित्त सेवा के अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लाने के निर्देश दिए थे, ताकि इनकी भी जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। देवरिया के कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय, मदरसन में 7 शिक्षकों और सहदेव बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाबू वभनी में 8 अध्यापकों की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति की गई। जांच में मामला सही पाए जाने पर कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय के सातों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जबकि, सहदेव बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक और प्रधानाध्यापक के संबंधित दस्तावेज मुहैया न कराने पर प्रबंध समिति के अधिकार छीन लिए गए हैं। वहां शिक्षा विभाग ने नियंत्रक बैठा दिया गया है। इन शिक्षकों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। माना जा रहा है कि इनकी सेवाएं भी शीघ्र समाप्त कर दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री के गोरखपुर मंडल का मामला होने के कारण शासन ने इस प्रकरण को काफी गंभीरता से लिया है। निदेशक, कोषागार आलोक अग्रवाल की ओर से शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन शिक्षकों को वेतन देना तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा रईस अहमद के समय में प्रारंभ किया गया। मोटी राशि के एरियर का भुगतान तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव के कार्यकाल में किया गया।
फर्जी नियुक्तियों और वेतन भुगतान का मामला वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2020-21 के बीच का है। इस अवधि में 7 और वित्त एवं लेखाधिकारी तैनात रहे हैं। रिपोर्ट में इनके नामों का भी खुलासा किया गया है। हालांकि, मामले में इन अधिकारियों की संलिप्तता है या नहीं, इसके लिए विस्तृत जांच पूरी होने से पहले कुछ भी बता पाने की स्थिति में न होने की बात कही गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इन 7 में से 2-3 अन्य अधिकारियों का फंसना तय माना जा रहा है।