मरीज बनकर बाइक से जिला चिकित्सालय पहुंचे के डीएम, न इलाज मिला और न डाक्टर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, हाथरस. बुखार और डेंगू के प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल के लिए डीएम रमेश रंजन मरीज बनकर सोमवार की सुबह जिला अस्पताल पहुंच गए। डीएम ने बाइक से जिला अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं की हकीकत जानी। सुबह 8:05 बजे उन्हें कई डाक्टर अनुपस्थित मिले। उन्होंने आठ गैरहाजिर डाक्टरों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। सीएमएस से भी स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही व्यवस्था सुधारने की हिदायत दी है।
इसलिए लिया निर्णय
इस समय जनपद में बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। इधर, संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी शुरू हो गया है। इसी को लेकर डीएम अपने स्टेनो शैलेष वर्मन के साथ सोमवार सुबह बाइक पर जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने रमेश नाम से अपना पर्चा बनवाया, जबकि स्टेनो शैलेष वर्मन ने अपने नाम से पर्चा बनवाया। इसके लिए एक-एक रुपये का भुगतान भी किया। जब डीएम जिला अस्पताल के अंदर पहुंचे तो मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। अलग-अलग बीमारी के लिए ओपीडी के बाहर मरीज लाइन में लगे हुए थे, लेकिन डाक्टर नहीं थे। डाक्टरों के आने के इंतजार में मरीज खड़े थे। इस दौरान डीएम भी मास्क पहनकर जिला अस्पताल परिसर में बनी बेंच पर बैठ गए।
दांत में दर्द बताया
डीएम के अनुसार उन्होंने पर्चे में दांत में दर्द होने की दिक्कत लिखवाया था। काफी देर तक डाक्टर नहीं आने पर वह वार्डों का निरीक्षण करने निकल गए। बच्चा वार्ड में जाकर देखा तो कुछ बच्चे और तीमारदार तो वहां थे, लेकिन डाक्टर नहीं थे। इसके बाद डीएम ने इमरजेंसी का निरीक्षण किया। करीब 45 मिनट तक डीएम जिला अस्पताल परिसर में मौजूद रहे। उन्होंने सीएमएस को अनुपस्थित डाक्टरों पर कार्रवाई करने और स्पष्टीकरण लेने करने के निर्देश दिए हैैं।
स्टेनो ने भी बनवाया पर्चा
डीएम और स्टेनो ने पहले एक-एक रुपये देकर पर्चा बनवाया। पर्चा बनाने वाले युवक ने पूछा कि क्या परेशानी है तो डीएम ने जवाब दिया कि उनकी दांत में दर्द है भैया। डेंटिस्ट की ओपीडी बता दीजिये।
सफाईकर्मी ने पहचान लिया
करीब 25 मिनट तक तो डीएम रमेश रंजन को जिला अस्पताल में न तो स्टाफ और न मरीज या तीमारदार पहचान पाया, मगर काफी देर बाद एक सफाई ने डीएम को पहचान लिया। इसके बाद यह बात पूरे अस्पताल में फैल गई। थोड़ी ही देर में सीएमएस भी वहां पहुंच गए।
अनुपस्थित मिले ये डाक्टर
जिला अस्पताल में अनुपस्थित डाक्टरों में डा.अमित शर्मा, डा.एके मौर्या, डा.केके शर्मा, डा.डीके शर्मा, डा. मल्होत्रा, डा. सागर हैं। निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सूर्य प्रकाश मिले। इसके बाद जिलाधिकारी प्रथम तल पर डाक्टरों के बने कक्षों में पहुंचे, वहां पर भी कोई डाक्टर उपस्थित नहीं मिला। इसके बाद जिलाधिकारी महिला अस्पताल में पहुंचे, वहां पर भी कोई डाक्टर उपस्थित नहीं मिली। महिला अस्पताल में सीएमएस रूपेंद्र गोयल अनुपस्थित मिले।
महिला अस्पताल में डा. रचना व डा. मंजू रानी की ड्यूटी थी, जो अनुपस्थित मिलीं। अस्पताल में बेडों पर शीट धुली हुई नहीं थी, गंदगी मिली, शौचालय गंदे मिले तथा पानी भी नहीं था। डस्टबिन खुले व गंदे मिलेे। जिलाधिकारी इमरजेंसी में पहुंचे तो डा.रमेश की ड्यूटी थी, जो अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने बताया कि अनुपस्थित डाक्टरों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है। इधर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सूर्य प्रकाश से अधीनस्थ डाक्टरों व अन्य कार्मिकों पर नियंत्रण न होने के कारण स्पष्टीकरण तलब किया है। महिला अस्पताल के सीएमएस से भी स्पष्टीकरण मांगा है।