सऊदी अरब में तीन महीने से पड़ा था शव, काफी प्रयास के बाद बलिया आया शव तो बरस पड़ीं आखें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. विदेश में भारतीय के फंसने और वहां इलाज की बेहतर सुविधा न होने के कई मामलों से पूर्वांचल के लोग काफी समय से परेशान रहे हैं। मौत होने के बाद वहां से शव मंगाना भी किसी जंग के जीतने से कम नहीं है। कुछ ऐसा ही मामला बलिया में सामने आया जहां तीन माह बाद बलिया युवक का शव सऊदी अरब से पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गईं।
कमाने की आस में सऊदी अरब गए बलिया के युवक के स्वजनों के सपने चकनाचूर हो गए। 30 जून को बीमारी के कारण युवक की वहीं मौत हो गई। लगभग तीन माह से उसके अंतिम दर्शन के इंतजार में स्वजनों की आंखें पथरा गईं। आखिरकार सोमवार को उसका शव गांव लाया गया। इस दौरान सभी की आंखें नम हो गईं। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बसारिकपुर निवासी सुभाष चंद्रा चौहान लगभग दो साल पहले सात समंदर पार सऊदी अरब गया था।
वह मजदूरी करता था। उसका शव वतन लाना आसान नहीं था। अरब देशों के कठोर कानून के कारण अड़चन सामने थी। 30 जून को मृत्यु के तीन दिन बाद घर वालों को जानकारी हुई। घर वालों को कुछ सूझ नहीं रह था। इसको लेकर पूरा परिवार परेशान था।
इस दौरान दिल्ली में रहने वाले रामगढ़ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश चौहान ने इस परिवार की मदद का बीड़ा उठाया। उनके दर्द को समझा और सऊदी से शव मंगाने की जिम्मेदारी ली। डीएम से निवेदन किया। जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से संपर्क साधा।
इस आशय के सभी दस्तावेज राजनीतिक दूतावास रियाद और उसके बाद वाणिज्य दूतावास इददाह भेजे गए। लगातार संपर्क कर शव को भारत पहुंचाने का दबाव बनाया गया। इसमें सरकार की ओर से पूरी कोशिश की गई। रविवार को दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल पर शव पहुंचने के बाद वहां से एंबुलेंस से बलिया लाया गया। इससे स्वजनों में कोहराम मच गया। मृतक की तीन बेटियां व एक बेटा है।