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Danik Jagran: दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन का निधन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. दैनिक जागरण (Danik Jagran) समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन गुप्ता के कानपुर में शुक्रवार को निधन के बाद से राजनेताओं के साथ औद्योगिक घरानों के साथ संगीत प्रेमी तथा साहित्य जगत से जुड़े लोग बेहद दुखी हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही रक्षा मंत्री, तमाम प्रदेशों के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्रियों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

अपने श्रम, कौशल और नवाचार से दैनिक जागरण (Danik Jagran) को नई ऊंचाइयां प्रदान करने वाले जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन नहीं रहे। वह 85 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से कानपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने विजयदशमी के दिन अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को कानपुर में होगा। शांति पाठ व हवन रविवार दोपहर में होगा। 

उनका निधन पत्रकारिता के साथ-साथ विज्ञापन और कला जगत के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। स्नेहिल स्वभाव के धनी योगेन्द्र मोहन अपने घर-परिवार और मित्रों-परिचितों के बीच सोहन बाबू के नाम से भी जाने-पहचाने जाते थे। वह दैनिक जागरण के कर्मचारियों से मैत्री भाव रखने और उन्हें संस्थान का कर्मयोगी समझने के लिए जाने जाते थे। हर किसी की मदद करने के लिए वह सदैव तत्पर रहते थे और इसी कारण सबके लिए सहज सुलभ और अत्यंत लोकप्रिय थे।

दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन
दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने अपने शोक संदेश में कहा कि 'दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन श्री योगेंद्र मोहन गुप्त जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिंदी समाचार पत्रों के‌ व्यापक प्रसार के साथ-साथ शैक्षिक प्रकल्पों में भी उनका विशिष्ट योगदान रहा। उनके परिवारजन तथा प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है कि दैनिक जागरण (Danik Jagran) समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन गुप्ता जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना कला, साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

21 जुलाई, 1936 को जन्मे योगेन्द्र मोहन युवावस्था में ही दैनिक जागरण (Danik Jagran) से जुड़ गए थे। उन्होंने विज्ञापन का मोर्चा संभाला और इस दौरान कई नए, अनूठे, समय से आगे के और समाचार पत्र के आर्थिक आधार को सशक्त करने वाले प्रयोग किए। उनके इन प्रयोगों ने दैनिक जागरण (Danik Jagran) समेत समस्त समाचार पत्रों को एक नया आयाम दिया। वह समाचार पत्र के एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते थे।

दैनिक जागरण (Danik Jagran) के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक एवं संपादकीय निदेशक महेन्द्र मोहन गुप्त ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि योगेन्द्र मोहन जागरण परिवार के अभिभावक, संरक्षक और मार्गदर्शक की अपनी भूमिका का बखूबी निर्वाह करने के साथ साहित्य साधना में भी लीन थे। लेखन के अतिरिक्त वह गायन में भी गहन रुचि रखते थे और कविताएं भी लिखते थे। दैनिक जागरण (Danik Jagran) के साहित्य आधारित साप्ताहिक फीचर पेज में वह विशेष रुचि रखते थे। वास्तव में यह पेज उनकी ही प्रेरणा से ऐसे समय शुरू हुआ, जब समाचार पत्रों में साहित्य के लिए स्थान कम होता जा रहा था। बाद में समाचार जगत में यह एक चलन बना। उन्होंने ऐसी ही अभिनव दृष्टि जागरण के विज्ञापन निदेशक के रूप में अपनाई और समाचार पत्र जगत को एक उद्योग के रूप में कहीं अधिक मजबूती से स्थापित करने का कार्य किया।

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