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पुरुष डांसर की सर्जरी करा महिला बनवाया, पत्‍नी की तरह रखा फिर रुपए-गहने लेकर हुआ फरार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. डांस पार्टी में ढोलक बजाने वाले उरुवा के एक व्यक्ति ने शादीशुदा पुरुष डांसर को धोखे से सर्जरी करा महिला बनवा दिया। कुछ समय उसे पत्नी की तरह साथ रखा और फिर डांसर की सार्री कमाई लेकर फरार हो गया। गोला क्षेत्र के रहनेवाले पीड़ित ने आरोपी के खिलाफ चोरी, एससीएसटी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है।

शिकायत के अनुसार, पीड़ित शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। वह गोला बाजार के डीजे में डांसर था। जून 2020 में उसकी मुलाकात उरुवा बाजार के भरवलिया निवासी मो. मुमताज से हुई। मुमताज ढोलक बजाता था। मुमताज ने उससे कहा कि यहां डीजे पर डांस करने में 100 से 200 रुपये ही मिल रहे हैं। दिल्ली में 500 से 1000 रुपये मिलते हैं। तुम मेरे साथ दिल्ली चलो। वह उसके बहकावे में आकर नवम्बर 2020 में दिल्ली चला गया। वहां मुमताज ने उसे कुछ खिला दिया जिससे तबीयत खराब हो गई। उसने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। होश में आने पर पता चला कि उसकी सर्जरी हो गई है और वह महिला बन गया है।

उरुवा के रहने वाले मो. मुमताज ने गोला के डांसर युवक की दिल्ली में धोखे से सर्जरी करा महिला बनवा दिया। डांसर ने विरोध किया तो मुमताज ने कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता। दिल्ली में कुछ दिन रहने के बाद मुमताज उसे लेकर फिर गोरखपुर आ गया। यहां खुद ढोलक बाजता था और उससे डांस कराता था। जो भी पैसा मिलता था मुमताज अपने पास ही रख लेता था।

गांव पहुंचा तो पता चला कि ढोलकिया के पत्नी और बच्चे हैं

डांसर के मुताबिक मुमताज कहता था कि वह अविवाहित है। हमदोनों पति-पत्नी की तरह रहकर रुपये कमाते रहेंगे। डांसर का आरोप है कि 3 अक्टूबर को मुमताज उसे अपने गांव भरवलिया ले गया। वहां पता चला कि मुमताज शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। इस पर वह सन्न रह गया। उसने थाने में शिकायत की बात की तो मुमताज ने उसे जान से मारने की धमकी दी।

दस लाख नगद, चार लाख के गहने लेकर हुआ फरार

डांसर का आरोप है कि उस रात वह उसके घर पर ही सो गया। सुबह पता चला कि उसके बैग में रखा दस लाख रुपये तथा सोने और चांदी के जेवरात जिसकी कीमत चार लाख रुपये है व अन्य सामान लेकर मुमताज पत्नी और बच्चों के साथ भाग गया है। तब उसने पुलिस में शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर केस दर्ज किया गया है।

इन धाराओं में हुआ है केस

320,326,328,506,406,379, एससीएसटी नृशंसता निवारण अधिनयम 3 (1)(द),3 (1)(ध),3 (2)(वी), मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18 के तहत केस दर्ज किया गया है।

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