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सही समय पर सूचना दे दें तो नहीं बनेंगे खलनायक - सीएम योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसको उसकी कार्यशैली को लेकर आइना दिखाया है। एक गलती से होने वाले नुकसान का एहसास कराते हुए जनता के बीच खाकी की सकारात्मक छवि को बनाए रखने की नसीहत दी है। गोरखपुर में मनीष हत्याकांड का जिक्र किए बिना ही योगी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को कड़ा संदेश दिया। कहा किसी भी घटना में मेरिट के अनुरूप तत्काल कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मीडिया ट्रायल शुरू होने से पहले ही पुलिस सही व तथ्यात्मक जानकारी साझा करे। योगी ने पुलिस की प्रशंसा भी की। कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में हुए उत्कृष्ट कार्याें से प्रदेश की छवि बदलने में पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई है। कानून-व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है। लेकिन, एक गलती पुलिस को खलनायक के रूप में पेश कर देती है। योगी ने कहा कि पुलिस को हर हाल में जनता के बीच अपने विश्वास को बनाए रखना होगा।

योगी ने कहा कि जब पुलिस अच्छा काम करती है तो जनता उसे नायक बनाती है। उसकी नजर पुलिस की गतिविधियों पर हमेशा रहती है। कोई भी पीडि़त सबसे पहले पुलिस के पास आता है। पुलिस का रिस्पांस सकारात्मक होता है तो वह अपनी पीड़ा भूल जाता है। पुलिस का नकारात्मक रवैया होने पर उसकी पीड़ा कई गुना बढ़ जाती है।

योगी ने इंटरनेट मीडिया पर चलने वाली सभी सूचनाओं को गंभीरता से लेकर मानीटरि‍ंग का निर्देश भी दिया। कहा कि किसी स्तर पर गलती होने की दशा में उससे वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारी मौके पर जाकर मुआयना करें और मेरिट के आधार पर कार्रवाई करें। सही तथ्यों व पुलिस के पक्ष को समय से मीडिया के सामने रखें। योगी ने कहा कि यही नहीं हो पा रहा है। संवाद की कमी कई बार मुश्किलें बढ़ा रही हैं। यह भी देखने में आया है कि जहां अधिकारी मौन धारण कर लेते हैं, वहीं सारी उपलब्धियों के बावजूद पुलिस को नकारात्मकता के कारण खलनायक बनना पड़ता है।

योगी ने कहा कि आप अपने बचाव के लिए नहीं आए हैं, बल्कि जनता की सुरक्षा के लिए आए हैं। लोगों के बीच पुलिस बल के प्रति विश्वास बना रहना चाहिए। सबसे सटीक जानकारी हृयूमन इंटेलीजेंस से मिलती है। यही कारण है कि उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री आवास से जनता दर्शन की शुरूआत की थी। पुलिस अधिकारियों को लोगों के बीच संवाद बढ़ाने की नसीहत भी दी। मुख्यमंत्री शनिवार को डीजीपी मुख्यालय में पुलिस के अलंकरण समरोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 75 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को पदक प्रदान कर सम्मानित किया। इनमें बीते तीन वर्षों के 15 मुख्यमंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक, 35 वीरता के लिए राष्ट्रपति का पदक व 25 उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी मुकुल गोयल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मानव संपदा पोर्टल का किया शुभारंभ : मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के मानव संपदा पोर्टल की शुरुआत भी की। पोर्टल में पुलिसकर्मियों के सेवा शुरू करने से लेकर सेवानिवृत्त होने तक के सभी अभिलेख व महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध हैं, जिन्हें पुलिसकर्मी अब एक क्लिक पर घर बैठे देख सकेंगे।

साइबर क्राइम प्रशिक्षण का किया समापन : पुलिसकर्मियों के अलंकरण समारोह को सभी जिलों में चल रहे साइबर क्राइम के पायलट प्रशिक्षण से आनलाइन जोड़ा गया था। प्रदेश के करीब 50 हजार पुलिसकर्मियों को 15 सितंबर से विशेष साइबर प्रशिक्षण दिया जा रहा था। जिसके अब हर थाने में साइबर अपराध हेल्प डेस्क बनेगी। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन भी किया।

 
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