सांड मुक्त होगा बनारस : शुरू हुआ अभियान, सड़कों पर बेसहारा भटकते पशुओं को मिलेगी छांव या...
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बनारस की पहचान सांड भी हैं, यहां की सड़कों पर सांडों की नजर आना काफी सामान्य है। मगर, स्मार्ट सिटी की राह में बीच सड़क पर बैठे सांड चुनौती देते नजर आते हैं। जबकि कभी किसी पर हमला करने के मूड में आए सांड लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ भी करते नजर आते हैं। लिहाजा स्मार्ट सिटी की राह पर बढ़ जारी काशी नगरी को सांड़ से मुक्ति दिलाने के लिए रामनगर क्षेत्र में आधी रात तक अभियान चला।
भय और जान के दुश्मन का पर्याय बने सांड़ों से नगर को मुक्ति दिलाने के लिए आधी रात तक नगर पालिका कर्मचारी उन्हें पकड़ने में जुटे रहे। अभियान की कमान खुद अधिशासी अधिकारी पालिका परिषद रामनगर राजबली यादव ने संभाल रखी थी। देर रात से शुरू हुए इस अभियान में आधा दर्जन से ज्यादा सांड़ों को पकड़ने में सफलता मिली।
देर से ही सही नगर पालिका प्रशासन की ओर से पशुओं को पकड़ने के लिए जागने पर सोशल मीडिया पर खूब सराहा गया। पालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि पशुओं को पकड़ने के लिए कई बार अभियान चलाया गया था। अब सारे दिन अभियान चलाकर पशुओं को पकड़ा जायेगा। इसके लिए शीघ्र ही आधा दर्जन कर्मचारियों की टीम बनाई जायेगी।
अधिशासी अधिकारी ने कहा कि यह अभियान हर रोज चलाया जाएगा। पकड़े गए साड़ों को गौशाला में रखा जायेगा। बताते चलें कि गत दिनों पंचवटी मार्ग पर बटाऊवीर वार्ड के सामने मुख्य सड़क पर आपस में लड़ रहे सांड़ के हमले से रात्तापुर निवासी संदीप विश्वकर्मा की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों को 25 लाख मुआवजा देने की मांग को लेकर भाजपा सभासदों ने नगर पालिका में धरना दिया था। उच्चाधिकारियों के आदेश पर पालिका प्रशासन की निंद्रा टूट गई।
तीन बार पुलिस ने भी किया अनुरोध : नगर में सांड़ों के भरमार को देखते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक अश्विनी पाण्डेय ने यातायात प्रभावित होने तथा जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पत्र लिखकर साड़ों को पकड़ने का अनुरोध किया था। सड़कों पर आये दिन साड़ों को लड़ने से राहगीरों को काफी परेशानी होती है। गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।