ATS खंगाल रही नकली नोटों के नाम पर ठगी करने वालों आरोपितों के तार, आजमगढ़ में तैनात सिपाही निलंबित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़/वाराणसी. असली के बदले तीन गुना नकली नोट देने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपितों के तार खंगालने में एटीएस जुट गई है। उधर, इस मामले में गिरफ्तार सिधारी थाने में तैनात सिपाही इंद्रेश सिंह यादव को आजमगढ़ के एसएसपी अनुराग आर्या ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस ने गिरफ्तार सिपाही समेत छह आरोपितों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
बता दें कि एटीएस की आजमगढ़ फील्ड यूनिट ने नदेसर - घौसाबाद मार्ग से जाली नोट खपाने वाले गिरोह के सिपाही सहित छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपितों के पास से एक लाख 40 हजार रुपये असली और साढ़े तीन लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे। बरामद जाली नोट पर चिल्ड्रेन बैंक आफ इंडिया लिखा है। इनके खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी समेत विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया। एटीएस अब आरोपितों का नेटवर्क खंगालने में जुट गई है।
उनके तार पश्चिम बंगाल से भी जुड़े हैं। पकड़े गए आरोपितों में दो पश्चिम बंगाल के मूल निवासी हैं। दोनों को तीन गुना नकली नोट देने का लालच देकर बुलाया गया था। आरोपित अपने साथ पुलिसकर्मी को भी रखते थे। इसके पीछे उनकी मंशा थी कि पुलिस का भय दिखा कर असली नोट लूटने की रहती है। गिरफ्तार आरोपितों में सिपाही के अलावा भरतपुर बिलरियागंज आजमगढ़ निवासी राजेश मौर्या, वकील कन्नौजिया और शिवशंकर यादव के अलावा गोपीनाथ मंडल और शेख आरिफ शामिल हैं।
प्रतापगढ़ के रानीगंज निवासी पुलिसकर्मी इंद्रसेन यादव 2015 बैच का सिपाही है। वह पिछले तीन साल से आजमगढ़ में तैनात है। सिधारी में रहते हुए ही राजेश मौर्य और शिवशंकर यादव से उसकी मुलाकात हुई थी। आजमगढ़ पुलिस अब यह भी खंगाल रही है कि गिरोह का संपर्क और किन-किन पुलिसकर्मियों से है। एसएसपी अनुराग आर्या ने बताया कि जिले से जुड़े बाकी लोगों के बारे में पता कराया जा रहा है।