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जिस पति को खोजते हुए सुदूर बिलासपुर से बनारस पहुंची थी महिला, वह मौसी की बेटी लेकर भागा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सुदूर क्षेत्र बिलासपुर-छत्तीसगढ़ से नवजात बच्चे संग पति को खोजने पहुंची महिला को कामयाबी तो नहीं मिली। अलबत्ता पति उसके पहुंचने के साथ ही मौसी की बेटी को लेकर भाग निकला। इस संदर्भ में मौसी की ओर से पुलिस को सूचित किए बगैर रिश्तेदारों के माध्यम से तलाश कराई जा रही है। वहीं बिलासपुर से आई विवाहिता बच्चे के साथ थाना परिसर में ही डटी है।

महिला की शिकायत पर सारनाथ पुलिस ने रविवार को फरार पति के रिश्तेदारों को हिरासत में लिया और उसका पता-ठिकाना मालूम करने के लिए देर तक पूछताछ की। प्रकरण में थाना प्रभारी नागेश कुमार सिंह का कहना था कि मामला बिलासपुर का है। मुकदमा भी वहीं दर्ज होना चाहिए था। फिलहाल शिकायत पर छानबीन चल रही है। उधर, विवाहिता लक्ष्मी का पति सचिन शनिवार की शाम पंचक्रोशी चौराहे के समीप रह रही अपनी रिश्तेदार की पुत्री भगा ले गया। मौसी रेखा ने बताया कि वह मूलरूप से चित्रकूट की रहने वाली हैं। सचिन उसकी पुत्री रजनी को लेकर शनिवार को कहीं भाग गया है। 

इस बाबत उन्होंने स्थानीय थाने में सूचना नहीं दी है, लेकिन रिश्तेदारों के माध्यम से पता लगा रही हैं। 24 घंटा बीत जाने के बाद भी सचिन की जानकारी जुटा पाने में पुलिस नाकाम रही। ऐसे में लक्ष्मी बच्चे को लेकर थाना परिसर में ही डटी है। ज्ञात हो कि बिलासपुर से पत्नी को छोड़कर भागे पति सचिन उर्फ काला की तलाश में लक्ष्मी अपने 16 दिन के पुत्र के साथ सारनाथ क्षेत्र के पंचकोसी के पास रह रही उसकी मौसी रेखा के घर गत शनिवार को पहुंची थी। पत्नी को देखते ही सचिन भाग निकला। लक्ष्मी ने सचिन के रिश्तेदारों पर ही उसे भगाने का आरोप लगाया है।

वारंटी आशुतोष गिरफ्तार कर जेल भेज दिया : बड़ागांव पुलिस ने हत्या के मामले में वारंटी आशुतोष ऊर्फ बाबा को आज सुबह उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बीते जून 2019 में स्थानीय थाना क्षेत्र के इंदरपुर गांव निवासी रामप्रसाद जो घर के पास स्थित अपने खेत की रखवाली के लिए सोने गये थे उनकी लहुलुहान लाश मिली थी।इस मामले में मृतक की पत्नी रजवंती देवी ने भीम ऊर्फ अरविंद निवासी गद्दोपुर थाना क्षेत्र जंसा व आशुतोष ऊर्फ बाबा निवासी पांचों शिवाला (रसुलपुर) के विरुद्ध पति के हत्या करने का नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें दोनों आरोपी जेल जा चुके हैं। जबकि आशुतोष ऊर्फ बाबा नीयत तिथि पर अदालत में हाजिर नहीं हो रहा था।

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