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बह गया वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन, प्रकृति से की गई छेड़छाड़ का भयावह परिणाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर नई बाजार-ओझौली पुल निर्माण के लिए सरयू नदी की प्रकृति से की गई छेड़छाड़ का भयावह परिणाम यह रहा कि 80 मीटर फोरलेन का एप्रोच मार्ग देखते-देखते नदी में कटकर बह गया। इसके चलते पुल निर्माण में लगी यूटी क्रेन सेग्मेंट मशीन नदी के बीच में आखिरी पिलर पर ही फंस गई है। इधर, नदी के रौद्र रूप धारण करने व एप्रोच मार्ग बह जाने से पुल का निर्माण कार्य भी रूक गया है।

नदी पर बन रहे नई बाजार-ओझौली पुल के अंतिम फाउंडेशन के बाद एप्रोच मार्ग धारा में बह जाने से जहां हाहाकार मचा हुआ है, वहीं एनएचएआइ की भारी चूक सबके सामने आ गई है। नदी की चौड़ाई छोटा कर कम पिलर ढ़ालकर ही पुल की डिजाइन पास करना मंहगा पड़ गया। जब नदी के बीच धारा में बने फोरलेन के बह जाने से अब दोषारोपण का दौर शुरू हो गया है। 

एनएचएआइ के अधिकारी निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स पर ठीकरा फोड़ रहे हैं तो वहीं निर्माण इकाई इसे एनएचएआइ की करतूत बता रहा है। अब इसे नदी की बदली धारा से कटान का कारण बताया जा रहा है। एप्रोच मार्ग कट जाने से पुल ढ़ालने वाली यूटी क्रेन सेग्मेंट मशीन अंतिम पिलर के पास खड़ी है। 

इधर नदी भी पूरे उफान पर है। अब तो धीरे-धीरे निर्माण इकाई के तकनीकी अधिकारी बोलने लगे हैं। सिस्टम इंजीनियर केके तिवारी ने बताया कि प्रोजेक्ट के गलत बनने से यह हादसा हुआ है। नदी को कमतर आंकना एनएचएआइ की भारी भूल को दर्शाता है। जेपी ग्रुप के ब्रिज हेड एके कुशवाहा ने बताया कि नदी के बीच धारा में हमारा अंतिम फाउंडेशन पड़ा, जबकि एनएचएआइ जलस्तर घटने के बाद ही डिजाइन चेंज का नक्शा बनाएगी।

अगर पुल की लंबाई बढाने के लिए पिलर बढ़ाना पड़ेगा तो हमे फिर एक और फाउंडेशन बनाना पड़ेगा। वहीं फाउंडेशन से 80 मीटर फोरलेन रोड बह गया है। हम अपने क्षति का आंकलन अभी नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि फाउंडेशन से 90 मीटर की दूरी पर एक क्रास पुल नदी के पानी बहने के लिए बना है, जो अब बेकार साबित होता दिख रहा है। 

कहा कि हमने वादा किया था कि हर हाल में नवंबर माह में एक लेन बनाकर वाहनों का आवागमन चालू करा देंगे लेकिन एक झटके में सब खत्म हो गया। हमें करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसका आकलन किया जा रहा है। एनएचएआइ के द्वारा तैयार की गई डिजाइन के आधार पर हम नदी पर पुल बना रहे थे लेकिन नदी की धारा ने सब किए-कराए पर पानी फेर दिया।

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