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वाराणसी में अक्टूबर तक बन जाएगा उत्तर प्रदेश का पहला पशु शवदाह गृह - UP First Animal Crematorium

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पशुओं की मौत के बाद जमीन में दफन करने से अब पशुपालकों को मुक्ति मिलेगी। वाराणसी में प्रदेश का पहला पशु शवदाह गृह (Animal Crematorium) चिरईगांव ब्लाक के जाल्हूपुर में निर्मित होने जा रहा है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। निर्माण के लिए 0.1180 हेक्टेयर जमीन जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित कर ली गई है। 

पशु शवदाह गृह (Animal Crematorium)
पशु शवदाह गृह (Animal Crematorium) 

शासन ने भी निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस पर कुल दो करोड़ 24 लाख रुपये खर्च होंगे। इधर, नोडल विभाग जिला पंचायत की ओर से टेंडर की प्रक्रिया पूरी करा ली गई। लखनऊ की नामी कंपनी सिकान पाल्लूटेक सिस्टमस प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर फाइनल हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि कोई बाधा नहीं आई तो यह परियोजना अगले माह यानी अक्टूबर में आकार ले लेगी।

पर्यावरण विभाग से एनओसी का इंतजार : पशु शवदाह गृह ( Animal Crematorium) निर्माण के लिए सभी सरकारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सिर्फ पर्यावरण विभाग से एनओसी मिलनी शेष है।

काशी में पहले होगा निर्माण फिर अयोध्या, गोरखपुर में : सिकान कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि पशुशव दाह गृह का निर्माण सबसे पहले काशी में होगा। इसके बाद गोरखपुर व अयोध्या में भी इसका निर्माण प्रस्तावित है।

संयत्र बिजली व गैस पर आधारित: अधिकारियों का कहना है कि पशु शवदाह संयत्र पूरी तरह बिजली व गैस पर आधारित होगा। बिजली न रहने पर जनरेटर की भी व्यवस्था रहेगी। लगभग 75 केवीए का जनरेटर भी होगा। 400 किलो प्रतिघंटा इस संयत्र के डिस्पोजल की क्षमता है। इस संयत्र में एक दिन में दस पशु डिस्पोजल हो सकेंगे।

जिले में पांच लाख से अधिक पशुओं की संख्या : पशुपालन विभाग के मुताबिक जिले में पशुओं की संख्या पांच लाख से अधिक है। इसमें गाय-भैस दोनों शामिल है। जिले में 113 पशु आश्रय स्थल में इस समय दस हजार से अधिक पशु हैं। पशुपालन विभाग के पास पशुओं के मौत का कोई आंकड़ा नहीं है। अनुमान यही है कि पशुओं की आबादी के अनुसार जिले में प्रतिदिन छह से सात पशु विभिन्न कारणों से मरते हैं। एक पशु का वजन लगभग ढाई सौ से 400 किलो होता है।

विवाद का होगा अंत, पशुपालकों को मिलेगा लाभ : पशुपालन धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप ले चुका है। बहुतायत के पास अपनी जमीन नहीं है लेकिन इस कारोबार में जुटे हैं। ऐसे लोगों को पशुओं की मौत के बाद किसी के खेत में गड्ढा खोदाई कर उसमें डालने को लेकर आए दिन विवाद हो रहा था। बहुतायत अपनी जमीन में इसकी इजाजत नहीं देते हैं। इसके अलावा सरकारी पशु आश्रय स्थल में आए दिन पशुओं की मौत के बाद डिस्पोजल को लेकर परेशानी हो रही है।

बोले अधिकारी : पशु शवदाह गृह निर्माण की तैयारी है। टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। एनओसी को लेकर जो भी अड़चन होगी तत्काल दूर कराए जाएंगे। जिला पंचायत को निर्देशित किया गया है कि कार्य को प्रमुखता के साथ अक्टूबर तक पूरा करा लें ताकि आगामी लोकार्पण कार्यक्रम में इसे प्रमुखता के साथ स्थान दिया जाए।’ - कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी

‘प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। एनओसी के लिए आनलाइन आवेदन किया गया है। उम्मीद है कि शीघ्र एनओसी मिल जाएगी। कंपनी निर्माण को लेकर पूरी तरह तैयार है। ’- अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत।

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