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गाजीपुर के ऋषि कुमार व किसलय सहित पूर्वांचल के नौ होनहारों को सिविल सेवा में मिली सफलता - UPSC 2020 UP Topper

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2020 का परिणाम घोषित कर दिया। इसमें पूर्वांचल के 10 जनपदों के नौ होनहारों ने अपना परचम लहराया। बलिया की डा. अपाला ने नौंवी रैंक हासिल कर मान बढ़ाया। 

डा. अपाला साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की पौत्री हैं। इसके अतिरिक्त मऊ के अभिषेक कुमार सिंह को 240वीं रैंक मिली। इसी प्रकार जौनपुर की शालू को 379वीं, गाजीपुर के ऋषि कुमार को 526वीं, भदोही के शुभम ने 241वीं, सोनभद्र के आशीष ने 393वीं रैंक, बलिया के अतुल कुमार ने 414वीं और मीरजापुर के राकेश सिंह ने 412वीं रैंक हासिल की। गाजीपुर के किसलय कुशवाहा भी इस परीक्षा में चयनित हुए।

डा. मिश्रा अपाला को नौवीं रैंक

डा. अपाला मिश्रा ने यूपीएससी आल इंडिया परीक्षा में 9वीं रैंक प्राप्त की है। उनके पिता मूल रूप से बस्ती के रहने वाले हैं और आर्मी से रिटायर्ड कर्नल हैं। मां प्रोफेसर अल्पना मिश्र हिंदी की प्रसिद्ध कथाकार, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली के हिंदी विभाग में प्रोफेसर और हिंदी के कालजयी साहित्यकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भतीजी हैं। डा. अपाला के भाई आर्मी में मेजर के पद पर कार्यरत हैं।

डा. अपाला ने आर्मी कॉलेज से पढ़ाई की है। वे एक कुशल डेंटल सर्जन हैं। 10वीं कक्षा तक उनकी शिक्षा देहरादून से हुई। उन्होंने 12वीं दिल्ली से उत्तीर्ण की। डा. अपाला बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि रही हैं। इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और टाइम मैनेजमेंट है। वे अब देश की आवाज बन कर देश हित में काम करना चाहती हैं। उन्होंने 2018 से घर पर रह कर तैयारी की और प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढ़ाई का लक्ष्य रखा। आज रिजल्ट आते ही बलिया व उनके गांव ओझवलिया में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

यूपीएससी में चमका बलिया का अतुल, रिटायर्ड शिक्षक पुत्र की सफल उड़ान से चहुंओर खुशी

यूपीएससी का परिणाम बलिया के लिए सुखद रहा। सेवानिवृत्त शिक्षक के पुत्र अतुल कुमार ने 414वीं रैंक प्राप्त कर बलिया का नाम रोशन किया है। अतुल की सफलता से चहुंओर खुशी की लहर है। सहतवार थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक कुबेर नाथ वर्मा के पुत्र अतुल शुरू से ही मेधावी छात्र हैं। 

गांव में आदर्श शिशु मंदिर से पांचवीं तक की शिक्षा लेने के बाद अतुल ने कक्षा 6 से 10वीं तक की पढ़ाई नागा जी सरस्वती शिशु मंदिर माल्देपुर बलिया से पूरी की। रानी लक्ष्मी बाई इंटर कालेज लखनऊ से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण कर अतुल ने राजस्थान में एनआइसी से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। पॉवर ग्रिड गुड़गांव में सीनियर मैनेजर के पद पर चार वर्षों से सेवा दे रहे अतुल अपनी तैयारी में जुटे रहे। चार बहनों से छोटे अतुल की सफलता से न सिर्फ घर-परिवार, बल्कि जिले में खुशी की लहर है। अतुल पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज कुशवाहा का भतीजे हैं।

मऊ के अभिषेक कुमार सिंह, 240वीं रैंक

सिविल सेवा परीक्षा 2020 के घोषित अंतिम परिणाम में रतनपुरा गांव निवासी अभिषेक कुमार सिंह ने 240वीं रैंक हासिल की है। उनके आइएएस में चयन होने से जनपद सहित क्षेत्रवासियों में हर्ष का माहौल है। इसके पूर्व वर्ष 2019 में अभिषेक पीसीएस में छठवीं रैंक हासिल किए थे। वह मेधावी छात्र रहे हैं। रतनपुरा स्थित एवनग्रीन पब्लिक स्कूल से छठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लखनऊ स्थित सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। वहां इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। इसके बाद वीवीडी इंजीनियरिंग कालेज लखनऊ से 2014 में प्रथम श्रेणी में इंजीनियरिंग करने के बाद वह बैंक में प्रोबेशन अधिकारी के पद पर तैनात हुए। वर्ष 2017 में भारतीय स्टेट बैंक मुंबई में डिप्टी मैनेजर के पद पर नियुक्त हुए।

इस दौरान उन्हें बैंक की नौकरी रास नहीं आई। वह प्रशासनिक अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते थे। इसके बाद वह बैंक की नौकरी छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। सिविल सर्विस में वह इंटरव्‍यू तक पहुंचे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बावजूद वह निराश नहीं हुए। उन्हाेंने पीसीएस 2019 को परीक्षा में हिस्सा लिया। इसमें उन्हें छठवीं रैंक के साथ एसडीएम पद मिला था। इसके बाद भी वह हार नहीं माने और आइएएस में चयनित होकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचे। उनके पिता बीएम सिंह और माता उषा सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं।

जौनपुर की शालू ने यूपीएससी किया उत्तीर्ण, मिली 379 रैंक

सिविल सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। इसमें मछलीशहर तहसील के सुजानगंज ब्लाक के फरीदाबाद गांव निवासी शालू पुत्री राधेश्याम सोनी ने 379 रैंक हासिल करके सफलता अर्जित की हैं। इन्होंने यह सफलता तीसरे प्रयास में हासिल किया है। शालू की सफलता पर परिवार के लोग व शुभचिंतक गदगद हैं। 

शालू ने 2010 में हाईस्कूल व 2012 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नवोदय विद्यालय मड़ियाहूं से पूरी की। इसके साथ ही 2017 में एनआइटी श्रीनगर से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक पूरा किया। इसके बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं। पिता राधेश्याम सोनी फरीदाबाद बाजार में सराफा के कारोबारी हैं तो मां ऊषा देवी गृहिणी हैं। शालू ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व परिवार के सदस्यों को दिया है। परिणाम आने के बाद स्वजनों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर जश्न मनाया। शालू ने कहा कि लक्ष्य का निर्धारण करके पढ़ाई करने से सफलता जरूर मिलती है।

गाजीपुर के ऋषि कुमार सिंह व किसलय का चयन आइपीएस के लिए हुआ

यूपीएससी-2020 में जिले के दो होनहारों को शानदार सफलता मिली है। गोराबाजार निवासी ऋषि कुमार सिंह का चयन आइपीएस पद के लिए हुआ है। वहीं शैव टोला मुहम्मदाबाद निवासी किसलय कुशवाहा 526वां रैंक आया है। इसकी जानकारी होने के बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। मिठाई बांट कर खुशियां साझा की गईं।

ऋषि कुमार के पिता डा. राजेश कुमार सेवानिवृत्त कृषि विभाग के अधिकारी और दादा डा. रामाकांत सिंह सेवानिवृत्त पीजी कालेज के प्रोफेसर हैं। मां नीलम सिंह गृहणी हैं। छोटे भाई एमटेक करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं। ऋषि कुमार के चाचा ने बताया कि उन्होंने सोनभद्र में कक्षा छह और गोरखपुर में हाईस्कूल तक पढ़ाई की। इंटरमीडिएट लखनऊ से किया। इसके बाद बीटेक किया। फिर सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे।

हनुमान मंदिर के पुजारी के बेटे किसलय का 526वां रैंक 

वहीं किसलय के पिता सदानंद कुशवाहा हनुमान मंदिर शहनिंदा के पुजारी हैं। जब किसलय दो वर्ष के थे, तभी उन्होंने परिवार त्याग दिया। किसलय का पालन-पोषण माता शारदा देवी व परिवार के अन्य सदस्यों ने किया। पिता ने बताया कि किसलय की कक्षा आठ तक की पढ़ाई आइडियल पब्लिक स्कूल मुहम्मदाबाद में और हाईस्कूल तक सनबीम वाराणसी में हुई। इंटरमीडिएट चंदौली से किया। फिर कोटा में तैयारी कर आइआइटी के लिए चुने गए। दिल्ली से आइआइटी करने के बाद एनटीपीसी में इंजीनियर बन गए। फिलहाल जयपुर राजस्थान में तैनात हैं। इसके साथ वह सिविल सर्विस की तैयारी भी कर रहे थे।

मिर्जापुर में किसान का बेटा बना आइपीएस, जनपद का बढ़ाया मान

ग्राम पंचायत मड़वा धनावल गांव के साधारण किसान जय नारायण सिंह के बेटे राकेश सिंह यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए परीक्षा में 412वीं रैंक प्राप्त कर आइपीएस अधिकारी बनकर जनपद का मान बढ़ाया है। राकेश सिंह की हाईस्कूल तक शिक्षा क्षेत्र के पंवारी कला स्थित अंबिका देवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। हाईस्कूल में 92 फीसद अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए वाराणसी स्थित तुलसी निकेतन में चले गए। 

यहां इंटर की परीक्षा में 95 फीसद अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की। वाराणसी स्थित बीएचयू से आइआइटी की परीक्षा पास करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी के लिए कानपुर में एक वर्ष कोचिंग किया। इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए और वहीं से तैयारी करने में जुट गए। कठिन परिश्रम व मेहनत से यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। राकेश सिंह के पिता साधारण किसान तथा माता शैल सिंह प्राथमिक विद्यालय मड़वा धनावल में शिक्षा मित्र के पद पर कार्यरत हैं। यूपीएससी परीक्षा में चयनित होने की खबर पर क्षेत्र में खुशी का माहौल है और परिजनों को फोन पर बधाई देने का सिलसिला शुरू है। इससे पहले भी राकेश सिंह सिविल सेवा परीक्षा में चयनित हुए थे।

सोनभद्र के आशीष को मिली 393वीं रैक

चोपन निवासी अशीष कुमार वर्मा की मेहनत आखिरकार रंग लाई। आइएएस बनकर उन्होंने जिले का नाम रोशन कर दिया। उनको 393 वीं रैंक मिली है। हालांकि साल 2020 की यूपीएससी परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बन सकते थे, लेकिन उनकी मंज़िल कुछ और ही थी।

चोपन निवासी हीरालाल प्रसाद वर्मा अवकाश प्राप्त रेलवेकर्मी हैं। इनके बेटे अशीष कुमार ने यहीं के केंद्रीय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद वाराणसी के सीएचसी विद्यालय से आगे की पढ़ाई की। आइआइटी कानपुर से ग्रेजुएशन करने के बाद आशीष कुमार वर्मा सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए। वर्ष 2020 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं हुए। सिविल सर्विसेज का सपना लिए आशीष कुमार वर्मा जी तोड़ मेहनत करते रहे और आखिरकार इस बार जब नतीजा आया तो आईएएस की कैटेगरी में आ गए। उनकी सफलता से क्षेत्र और जिले में खुशी की लहर है।

भदोही के होनहार शुभम को मिली सफलता

यूपीएससी-2020 में जिले के होनहार को शानदार सफलता मिली है। ज्ञानपुर स्थित जोरई निवासी शुभम मौर्य का चयन आइएएस पद के लिए हुआ है। उनका 241वां रैंक आया है। 

इसकी जानकारी होने के बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। मिठाई बांट कर खुशियां साझा की गईं। शुभम के पिता डा. आरबी मौर्य सेवानिवृत पशुपालन विभाग के अधिकारी और माँ कल्पना मौर्य राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य हैं।

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