कर्ज में डूबी एयर इंडिया की होगी घर वापसी! टाटा संस ने अंतिम क्षणों में लगाई बोली, जाने क्या-क्या बेच रही सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए फाइनेंशियल बोली लगाने की समयसीमा बुधवार शाम 6 बजे खत्म हो गई है। ईटी नाउ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि टाटा संस और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए अपनी-अपनी फाइनेंशियल बोली जमा करा दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि इस प्रक्रिया के लिए 15 सितंबर शाम 6 बजे की डेडलाइन रखी गई है।
सूत्रों का कहना है कि अगर बोलियां सही पाई जाती हैं तो एयर इंडिया को दिसंबर तक नए मालिक को सौंपा जा सकता है। इससे पहले दिन में डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने ट्वीट किया था कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए फाइनेंशियल बोलियां मिल गई हैं और यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है। अब तक एयर इंडिया के लिए केवल दो बोलियां मिली हैं। जानकारों का कहना है कि केंद्र की विनिवेश योजना में टाटा ग्रुप सबसे आगे चल रहा है।
क्या-क्या बेच रही सरकार
सरकार ने 2018 में एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी लेकिन उसे किसी ने भाव नहीं दिया था। इस बार सरकार इस कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ ग्राउंट हैंडलिंग कंपनी AISATS में 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है। इन एयरलाइंस को 23,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ ट्रांसफर किया जाएगा। बाकी 22,000 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार की कंपनी Air India Asset Holdings (AIAHL) को ट्रांसफर किया गया है।
टाटा समूह ने एयरएशिया इंडिया के माध्यम से एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है। एयर इंडिया को टाटा समूह ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया के टाटा समूह की झोली में आने की उम्मीद जगी है। जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी।
दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।
टाटा ने बेहतरीन टीम को काम पर लगाया
टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए अपने बेहतरीन लोगों को काम पर लगाया है। टाटा ग्रुप ने सरकारी कंपनी एयर इंडिया को खरीदने की प्रक्रिया में अपने एक दर्जन बेहतरीन स्टाफ को लगाया है। साल 2021 में टाटा ग्रुप यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसके हिसाब से इस बार Air India डील में कोई अड़चन नहीं आए। टाटा ग्रुप की टीम एयर इंडिया की वैल्यू लगाने से लेकर खरीदारी के अन्य पहलुओं पर बारीकी से काम किया। उसके पिछले कामकाज, आमदनी और देनदारी के हर मसले की जांच की गई।