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अंधविश्‍वास या कुछ और.. ट्रैक्‍टर- ट्राली पर सवार श्रमिक अचानक छटपटाने लगे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. चंदौली जिले में चकरघट्टा थाना क्षेत्र के बरवाडीह गांव के पास टैक्टर ट्राली पर सवार श्रमिक रविवार अचानक गश खाकर छटपटाने लगे। इससे श्रमिकों में अफरा-तफरी मच गई। ट्रैक्टर ट्राली को रोक कर श्रमिकों को नीचे उतारा गया। सड़क पर काफी देर तक श्रमिक अचेत अवस्था में छटपटाते रहे। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई। हालांकि, समीपवर्ती अमरा भगवती मंदिर पर श्रमिकों को ले जाने पर उनकी स्थिति में सुधार हुआ। तब जाकर साथी श्रमिकों ने राहत की सांस ली।

बरवाडीह व परसहवां गांव के सैकड़ो महिला व पुरुष श्रमिक दो ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर मिर्चा तोड़ने तेन्दुआ गांव जा रहे थे। बरवाडीह गांव के श्रमिकों की ट्रैक्टर ट्राली गांव स्थित बरूआ नाला के समीप पहुंचा, सवार श्रमिक पूजा (17), वंदना (15), राधिका (14), अनिता (18), गुल्लका (16), सोनी (22), सतीश (18), अंबिका (22), पूनम (15), प्रमिला (30), अंबिका (15) पेट में काफी तेज दर्द होने की जानकारी देने के साथ ही हाथ पैर पीटते हुए गश खाकर छटपटाने लगे। यह देख अन्य साथी श्रमिक सकते में आ गए। 

तत्काल ट्रैक्टर रोकवा कर सभी को सड़क पर लिटा दिया गया। सड़क पर श्रमिकों की छटपटाहट देख उनके स्वजन दहाड़े मार कर रोने बिलखने लगे। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। अंधविश्वास आखंड में डूबे ग्रामीण भूत प्रेत का साया मानकर झाड़-फूंक में लग गए।

सूचना मिलते ही चकरघट्टा थाना प्रभारी दीनदयाल पांडेय मय फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। सबको समझा-बुझाकर शांत कराया और लोगों को समीप स्थित अमरा भगवती मंदिर पर ले जाया गया। आसपास के चिकित्सकों को बुलाकर इलाज कराने के बाद श्रमिकों की हालत में सुधार होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। 

चिकित्सकों ने बताया कि आशंका है कि भोजन करने के तत्काल बाद श्रमिक कड़ाके की धूप में ट्रैक्टर ट्राली पर सवार हो गए। इससे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। वहीं श्रमिक अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं, लोग भूत प्रेत का साया मानकर महिला तांत्रिक व ओझा सोखा से सोमवार को झाड़-फूंक कराने में लगे रहे। 

थाना प्रभारी दीनदयाल पांडेय ने बताया कि सेहत को लेकर श्रमिकों को जागरूक किया गया। फिलहाल सभी लोगों का स्वास्थ्य ठीक है। पुलिस के अनुसार जो भी बीमार हुए थे, वह अलग-अलग परिवार के हैं। किसी ने चावल, नमक तो किसी ने चावल सब्जी तो किसी ने रोटी सब्जी खाई थी। मीट या फिर बासी भोजन करने की कहीं से भी पुष्टि नहीं हो सकी।

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