गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई डिप्टी सीएम के ससुराल की सड़क, गांव वालों को अब दामाद जी से है उम्मीद
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कौशांबी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया है। ऐसा ही आदेश उन्होंने 2017 में भी दिया था, लेकिन तब से लेकर अब तक साढ़े 4 साल बीत गए, इसके बावजूद पीडब्लूडी मंत्री और प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम केशव मौर्य की कौशांबी स्थित ससुराल खूझा की सड़क गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई है। ग्रामीणों समेत केशव मौर्य की ससुराल वालों की भी आस है कि दामाद जी सरकार जाने से पहले गांव की सड़क बेहतर बना देंगे।
2012 में यह गांव बना था वीआईपी
आजादी के 7 दशक तक भले ही सिराथू तहसील का खूझा गांव पिछड़ा रहा हो, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद गांव वीवीआईपी हो गया। मौजूदा समय में प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की पत्नी राजकुमारी का मायका खूझा गांव है। यहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य का ससुराल पक्ष आज भी अपने पुश्तैनी गांव में सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। गांव में डिप्टी सीएम केशव मौर्य की सास राम दुलारी अपने दिवंगत पति गुलाब मौर्य की विरासत को संजोकर, तीन बेटों दिनेश मौर्या, रमेश मौर्या, एवं अवधेश मौर्या के भरे-पूरे परिवार सहित रहती है।
गांव जाने वाली सड़क की हालत खराब
सिराथू तहसील मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम सभा अफजल पुरवारी के मजरा खूझा गांव स्थित है। गांव में जाने वाली सड़क आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। करीब 10 किलोमीटर की सड़क पर बच-बचा कर न चलें तो गाड़ी से चलना दूभर है।
हालात ऐसे है कि सड़क पर गड्डे हैं या गड्ढ़ों में सड़क बना दी गई पता ही नहीं चलता। गांव के ग्रामीण मुरली ने बताया कि ऐसी सड़क देखते हुए आज 12 साल हो गए। गांव को जोड़ने वाली सड़क में गड्ढ़ों से होकर गुजरना उनकी नियति सी बनती नजर आ रही है। डिप्टी सीएम केशव का जिक्र आते ही मुरली बोले मंत्री जी अपनी ससुराल का ध्यान नहीं दे रहे। कम से कम अपनी ससुराल आने-जाने वाली सड़क ही ठीक करा देते।
सामाजिक और आर्थिक लिहाज से पिछड़ा है गांव
सामाजिक, आर्थिक लिहाज से विकास का आकलन आप गांव का प्राइमरी स्कूल देख कर सकते है। जाने वाली सड़क पर ग्रामीणों ने या तो मवेशी बांध रखे है या फिर लकड़ियों के गट्ठर डाल रखे है। एक अदद सीसी रोड गांव में है लेकिन टूटी नालियां गांव के अंदर की सड़क की हालत बद से बदतर कर रही हैं। ग्रामीण राज कुमार ने बताया, सड़क से लेकर गांव में दाखिल होने तक उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। जरा सी चूक सामान के साथ जान का भय भी पैदा करती।
क्या है दामाद से सास की उम्मीद
राम दुलारी ने बताया, साल 1985 में बेटे राजकुमारी का विवाह सिराथू कस्बे के स्व श्याम लाल मौर्य के बेटे केशव मौर्य से किया था। उस समय डिप्टी सीएम केशव मौर्य की बारात 7 बैलगाड़ियों में आई थी। गांव की सड़के पक्की नहीं थी। बिजली न होने के चलते पेट्रोमैक्स की रोशनी में विवाह संपन्न कराया गया था। राम दुलारी देवी ने आगे कहा कि दामाद की बारात तो बैलगाड़ी में आई थी, अब जमाना बदल गया। सबके हाथ मोटरसाइकिल और कार आ गई है। ऐसे में गांव की सड़क की हालत यदि सुधर जाए तो अच्छा रहेगा।
क्या बोले पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री
लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि डिप्टी सीएम केशव की ससुराल की सड़क ही नहीं वह अभियान चलाकर जिले की सभी सडको को गड्डा मुक्त करायेंगे। इसके लिए 15 सितम्बर से अभियान शुरू हो चुका है।- मीडिया इनपुट्स के साथ