इस महीने से तरक्की के ट्रैक पर दौड़ेगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, लखनऊ और दिल्ली अब नहीं रह जाएगी दूर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर को लखनऊ से जोडऩे वाला पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इसी महीने शुरू हो जाएगा। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक और अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने शनिवार को सड़क मार्ग से इसका निरीक्षण करने के बाद यह जानकारी दी। एक्सप्रेस-वे के अस्तित्व में आने के साथ ही पूर्वांचल के नौ जिले विकास की ट्रैक पर दौड़ लगाने लगेंगे। परिवहन सुगम हो जाएगा तो प्रदेश की राजधानी लखनऊ व देश की राजधानी दिल्ली दूर नहीं रह जाएगी। आगरा, मेरठ तक पहुंचना आसान हो जाएगा। वर्तमान में आजमगढ़ से फैजाबाद और सुल्तानपुर के रास्ते लखनऊ जाने में पांच से छह घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस-वे से यह दूरी साढ़े तीन घंटे से चार घंटे में तय होगी।
पिछड़े में शुमार पूर्वांचल की बढ़ेगी अर्थिक ताकत
एक्सप्रेस-वे लखनऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बाराबंकी, अयोध्या (फैजाबाद) को छूते हुए गुजरेगा। कनेेक्टिविटी बढऩे से इन जिलों की आर्थिक ताकत बढ़ेगी। एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारा भी बनाया जा रहा है। सुरक्षा के लिए थानों के निर्माण किए जाने से कारोबार के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी। उद्योग-धंधों का मार्ग प्रशस्त होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश में तीन एक्सप्रेस-वे हो जाएंगे
सूबे में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ अस्तित्व में आने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे की संख्या तीन हो जाएगी। इससे पूर्व तक आगरा-लखनऊ, यमुना एक्सप्रेस-वे ही सूबे की पहचान थे। हालांकि, पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे संग बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-आजमगढ़ ङ्क्षलक एक्सप्रेस-वे भी तेज गति से निर्माणाधीन है।
पूरा होगा पूर्वांचल के लोगों का सपना
- 22494.66 करोड़ खर्च हुए परियोजना पर
- 341 किलोमीटर है कुल लंबाई
- 4 लेन को भविष्य में छह लेन करने की योजना
- 14 जुलाई 2018 को पीएम मोदी ने आजमगढ़ में परियोजना का उद्घाटन किया था
- 84 किमी है आजमगढ़ में हिस्सेदारी, 4 तहसीलों के 110 गांवों से गुजर रहा
अब गंगा एक्सप्रेस-वे पर नजर
मेरठ से प्रयागराज तक गंगा के किनारे-किनारे बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे के लिए प्रदेश सरकार ने 36230 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके लिए प्रदेश भर में अधिकतर जमीनों का अधिग्रहण हो चुका है। 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा। इसे 26 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का बढ़ता संजाल
- 165 किमी लंबा यमुना एक्सप्रेस-वे
- 302 किमी लंबा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे
- 96 किमी लंबा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे
- 135 किमी लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे
- 296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
- 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक
- 210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना से लाभ :
1-प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कारिडोर से जुड़ जाएगा।
2-इसके कई हाई-वे से जुडऩे के कारण संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास होने के साथ ही वाहनों के ईंधन खपत में बचत होगी। प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी
3-सामाजिक एवं आर्थिक विकास संग कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन उद्योग के विकास को भी पंख लग सकेंगे।
4-विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को लखनऊ और दिल्ली से जोडऩे की दिशा में औद्योगिक कारिडोर के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा।
5-इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान इत्यादि की स्थापना के अवसर मिल सकेंगे।
6-हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना में उत्प्रेरक साबित हो सकेगी।