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मुहम्मदाबाद में चाकू मारकर वृद्ध काजी की हत्या, हत्यारोपित साइकिल से ही भाग निकला - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद के महरूपुर गांव में वृद्ध की हत्या पुरानी नाराजगी और रंजिश के चलते हुई। परिजन वर्तमान में हत्या के कारणों की कोई वजह खुलकर नहीं बता रहे लेकिन ग्रामीणों के अनुसार दोनों परिवार में पहले भी विवाद हो चुका है। सोमवार को मुस्ताक अहमद खान को अकेला पाकर अशरफ ने वारदात को अंजाम दे दिया। आसपास किसी के नहीं होने से हमलावर को पकड़ा नहीं जा सका और वह चाकू मारकर फरार हो गया। हालांकि केस दर्ज होने बाद पुलिस हमलावर की गिरफ्तारी में जुट गई है।

सोमवार को दिनदहाड़े गांव में चाकुओं से गोदकर हत्या के बाद हडकंप मच गया। जिसने सुना वहीं घटनास्थल पर पहुंच गया। हमलावर की निर्ममता को देखकर ग्रामीणों में आक्रोश था और लोग उसके घर पर जाकर हमले के लिए आक्रोशित दिखे। मृतक के पुत्र शमशाद खा ने हत्याकांड की सूचना दी,जिसके बाद पुलिस को भी ग्रामीणों की नाराजगी का सामाना करना पड़ा। शमशाद ने बताया कि मेरे पिता मुस्ताक अहमद खान (75) करीब 2:00 बजे गांव के ही एक व्यक्ति के दरवाजे पर बैठकर अखबार पढ़ रहे थे कि अचानक हमारे गांव के ही रहने वाला अशरफ पुत्र शाहनूर चाकू लेकर आया और ताबड़तोड़ हमलाकर मौत के घाट उतार दिया। 

इसके बाद वह वहां से फरार हो गया। चाकू उनके सीने और पेट में कई वार किए, जो गहराई में लगा। घटना की जानकारी जब परिजनों को हुई, तो उन्हें तत्काल गाड़ी में लादकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुहम्मदाबाद पर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्या की सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने शाम पांच बजे घटनास्थल महरूपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने परिजनों से मिलकर जानकारी हासिल की। कोतवाल अशोक कुमार मिश्र ने बताया कि हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश जारी है। बहुत ही जल्द हमलावर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गांव में शांति के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात कर दी गयी है।

हत्या गांव में छाया सियापा, लोग हतप्रभ

मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के महरूपुर गांव के मुअज्जिम काजी मुश्ताक खां की हत्या से पूरे गांव में सियापा छाया है। लोग उनके व्यवहार की जमकर तारीफ करते हुए घटना पर दुख जताते रहे। मुश्ताक खां गांव के छोटी मस्जिद की जिम्मेदारी संभाले हुए थे। भोर से लेकर रात तक होने वाली अजान देना व नमाज आदि कराना ही उनके दिनचर्या में शामिल था। हत्या की घटना को वारदात देने वाले युवक ने किस वजह से घटना को अंजाम दिया यह बात कोई नहीं बता पा रहा है। आरोपित अशरफ कुछ दिन से मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता था। वह मछली बेचकर आजीविका चलाता था। माता-पिता के काफी पहले गुजर जाने के बाद से तीन भाइयों में सबसे बड़ा अविवाहित अशरफ अकेले रहता था। उसके पास एक मड़हा था उसी में खाना-पीना आदि होता था।

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