सहकारिता विभाग की सुस्ती में मंत्री संगीता बलवंत भरेंगी स्फूर्ति, कोल्ड स्टोरेज के खोलने की मांग हुई तेज - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सहकारिता विभाग के तहत आने वाले संस्थानों के बंद होने या सटीक संचालन न होने से निराश किसानों में गाजीपुर सदर विधायक डा. संगीता बलवंत के सहकारिता राज्य मंत्री बनने के बाद आस जगी है। उम्मीद उत्पन्न हुई है कि बंद पड़े सहकारी कोल्ड स्टोरेज, समितियों व संघों का संचालन सही तरीके से होगा। सचिवों की किल्लत दूर करना व जिले में केंद्रीय उपभोक्ता भंडार खोलना सहकारिता राज्य मंत्री के लिए चुनौती होगी।
गाजीपुर जिले में इसके पहले सादात विधायक व सपा नेता स्व. रामधनी राम सपा-बसपा के गठबंधन सरकार में वर्ष 1993 में सहकारिता राज्य मंत्री थे। उस समय सहकारिता के क्षेत्र में कुछ कार्य हुए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका जिससे किसानों की तकदीर बदल सके। जिले को दूसरी बार सहकारिता राज्य मंत्री मिला और सदर विधायक डा. संगीता बलवंत की शैक्षिक योग्यता से सभी वाकिफ हैं। गाजीपुर को किसानों का जिला कहा जाता है। स्वामी सहजानंद सरस्वती देवा गांव के थे और किसानों के लिए उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन आज जिले के किसानों की हालत खराब है।
सहकारिता विभाग के तहत क्रय-विक्रय के माध्यम से जिले में संचालित सैदपुर स्थित कोल्ड स्टोरेज एवं जंगीपुर स्थित कोल्ड स्टोरेज बंद पड़े हैं। किसानों को अपना आलू स्टोर करने के लिए निजी कोल्ड स्टोरेजों का सहारा लेना पड़ता है जहां उनका अतिरिक्त खर्च पड़ता है। बसपा सरकार में सैदपुर कोल्ड स्टोरेज स्थल पर कांशीराम आवास बनाने का प्रयास हुआ, लेकिन हाफेड के निदेशक व तत्कालीन सैदपुर सहकारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने काफी प्रयास किया। इसके चलते समिति का स्थल अब तक क्रय-विक्रय के ही जिम्मे है। दोनों कोल्ड स्टोरेज खुल जाता तो किसानों को काफी राहत हो जाती। साथ ही आलू का उत्पादन भी बढ़ता।
बंद पड़ी समितियों को खोलने की मांग : गाजीपुर जिले में किसान सेवा सहकारी समिति, क्षेत्रीय सेवा सहकारी समिति एवं साधन सहकारी समिति मिलाकर कुल 182 समितियां हैं। इसमें मात्र 165 समितियों पर चुनाव हुआ। वर्तमान में 16 समितियां समापन के कगार पर हैं एवं एक निष्क्रिय है। शेष समितियां जैसे-तैसे चल रहीं हैं। जिले में कुल 41 सहकारी संघ हैं जिसमें दो समापन के कगार पर है। सात चल रहे हैं। शेष सक्रिय हैं, लेकिन स्थिति दयनीय है। जिले के चारों क्रय विक्रय केंद्र सैदपुर, जंगीपुर, जमानियां व मुहम्मदाबाद का समापन हो रहा है।
सचिवों की कमी व केंद्रीय उपभोक्ता भंडार खोलना चुनौती
गाजीपुर जिले में सहकारी समितियों के संचालन में सबसे बड़ी बाधा सचिवों की कमी है। सचिवों की कमी दूर होने पर ही सभी समितियों का संचालन ठीक से हाे सकता है। वर्तमान में एक सचिव के जिम्मे तीन-चार समितियों की जिम्मेदारी है। इसके चलते संचालन सही तरह से नहीं हो पा रहा है। जिले में वर्षों पहले केंद्रीय उपभोक्ता भंडार का संचालन सहकारिता से ही होता था। तब किसानों के जरूरत के सामान उचित मूल्य पर उन्हें मिलते थे, लेकिन समय के साथ उपभोक्ता भंडार बंद हो गया। सचिवों की कमी दूर करना एवं उपभोक्ता भंडार खुलवाना सहकारिता मंत्री के लिए चुनौती होगी।
सहकारिता मंत्री पूरी करें उम्मीद : किसान यूनियन के नेता मंगारी गांव जगदीश सिंह, नेवादा के रमेश सिंह, क्रय विक्रय सैदपुर के अध्यक्ष सूर्यनाथ यादव आदि का कहना है कि सदर विधायक को संगीता बलवंत बनाया जाना जिले के किसानों के सौभाग्य की बात है। उक्त मांगों को सहकारिता मंत्री पूरा करती हैं तो जिले के किसानों को काफी राहत हो जाएगी।
जल्द ही संबंधित अधिकारियों संग बैठक कर खाका तैयार किया जाएगा
सहकारिता को पूरी तरह सक्रिय किया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही संबंधित अधिकारियों संग बैठक कर खाका तैयार किया जाएगा। लोगों को बदलाव दिखेगा।-डा. संगीता बलवंत, राज्यमंत्री।