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ब्रह्मलीन हुए महंत नरेंद्र गिरी, बाघंबरी मठ में दी गई भू-समाधि

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. तीन दिन बाद महंत नरेंद्र गिरि ब्रह्म में लीन हो गए हैं। उन्हें बाघंबरी मठ में बुधवार को भू-समाधि दे दी गई है। भू-समाधि की अंतिम प्रक्रिया नरेंद्र गिरि के सुसाइड में घोषित उत्तराधिकारी बलवीर ने संपन्न कराई। इससे पहले उनके शव का प्रयागराज में पोस्टमार्टम कराया गया था। 

शुरुआती रिपोर्ट में फांसी लगाने की बात सामने आई है। इसके बाद पार्थिव शरीर को शहर भर में घुमाते हुए संगम तट ले जाया गया। संगम पर स्नान कराया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को हनुमान मंदिर ले जाया गया।

सारी प्रक्रिया होने के बाद बाघंबरी मठ में भू समाधि देने की प्रक्रिया शुरू की गई। महंतों ने बताया कि नरेंद्र गिरि को सबसे पहले पालथी मारकर बैठाया गया। इसके बाद समाधि को मिट्टी से ढका गया। 

फिर इसके बाद गोबर से लीपकर उस पर एक शिवलिंग रखा गया। उन्होंने बताया कि जिस नींबू के पेड़ को महंत नरेंद्र गिरि ने लगाया था, उसी के नीचे उन्हें वैदिक मंत्रोच्चार और शिव उद्घोष के साथ भू समाधि दी गई। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने फूल और मिट्टी डालकर भू समाधि की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया। इसके बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।

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