गाजीपुर की सूची में बलिया के भी 339 लखपति किसानों के नाम, आपस में वार्ता कर किया जा रहा दुरुस्त
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में तीन लाख रुपये से अधिक का धान व गेहूं बेचने व सरकार से राशन लेने वाले शासन द्वारा भेजी गई 1764 लखपति किसानों की सूची में 339 बलिया के भी किसानों का नाम हैं। इसके अलावा जिले के किसानों का नाम बलिया, अंबेडकरनगर सहित गैर जनपदों की सूची में है। अब विभाग द्वारा इसे आपस में पत्राचार व वार्ता कर सूची को दुरुस्त किया जा रहा है। इन लखपति किसानों के राशन को रद करने की भी आपूर्ति कार्यालय द्वारा कार्रवाई तेज कर दी गई है।
तीन लाख और इससे अधिक की उपज बेचने वाले ऐसे किसान जो पात्र गृहस्थी कार्ड का लाभ ले रहे हैं शासन द्वारा उनकी सूची तैयार की गई है। शासन से जिले में 1764 ऐसे किसानों की सूची भेजी गई। इनका जब स्थानीय स्तर पर जांच-पड़ताल किया गया तो 339 किसान पड़ोसी जनपद बलिया के मिले। इसकी रिपोर्ट बलिया को प्रेषित की गई और वहां के पूर्ति अधिकारी को इस बारे में बताया गया।
इस तरह बलिया की सूची में भी गाजीपुर के किसानों के नाम हैं। ऐसे आसपास के लगभग तीन-चार जनपद हैं जहां नाम घालमेल हुआ है। जहां भी ऐसा है वहां के अधिकारी स्वयं पहल करते हुए पूर्ति अधिकारी से वार्ता कर सूची को प्रेषित कर रहे हैं। फिलहाल इसकी पड़ताल जारी है। अधिकारियों की मानें तो जिले में तीन लाख से अधिक धान व गेंहू बेचने वाले लखपति किसानों की संख्या और भी बढ़ सकती है। सूची में जितने भी जिले के किसान हैं, उनका सत्यापन भी शुरू हो गया है और शीघ्र उनका राशन कार्ड रद कर दिया जाएगा।
दो लाख के आय वाले हैं पात्र
पात्र गृहस्थी कार्ड के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जिनकी वार्षिक आय दो लाख और शहरी क्षेत्र में तीन लाख रुपये है, उसको पात्र गृहस्थी कार्ड के लिए पात्र माना गया है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को पांच किलो प्रति यूनिट व अंत्योदय कार्ड धारकों को एक मुश्त 35 किलो राशन मिलता था। दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल की कीमत निर्धारित है। अब कोरोना काल में सरकार महीने में दो बार मुफ्त राशन बांट रही है। इसमें एक बार केंद्र तो दूसरी बार प्रदेश सरकार राशन देती है।
जिले में आई 1764 लखपति किसानों के सूची में करीब 339 बलिया के हैं। उन्हें इस बारे में बता दिया गया है। वहीं बलिया सहित अन्य जनपदों की सूची में जिले के किसानों का नाम है। इसकी रिपोर्ट आएगी तो जिले में ऐसे किसानों की संख्या और बढ़ भी सकती है।- कुमार निर्मलेंदु, जिलापूर्ति अधिकारी।