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अगर किसी सहकारी बैंक में फंसा है आपका पैसा तो पाने का आ गया बेहतरीन मौका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. खस्ताहाल सहकारी बैंकों के खाताधारकों के लिए राहत की खबर है। अगर आपकी गाढ़ी कमाई ऐसे बैंकों में फंसी है तो उसे निकालने का आपके पास बेहतरीन मौका है। भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक इकाई डीआईसीजीसी ने एक नए कानून के तहत पीएमसी बैंक सहित लगभग दो दर्जन तनावग्रस्त सहकारी बैंकों से उन खाताधारकों की सूची तैयार करने को कहा है, जो 90 दिनों के भीतर पांच लाख रुपये पाने के पात्र हैं। इनमें कुल 21 बैंक शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों में हैं ऐसे बैंक

डीआईसीजीसी ने जिन सहकारी बैंकों से खाताधारकों को भुगतान करने के लिए सूची मांगी है उनमें करीब 50 फीसदी महाराष्ट्र में हैं।इन 21 बैंकों में 11 महाराष्ट्र के हैं, पांच कर्नाटक से हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल और राजस्थान से एक-एक बैंक हैं।

90 दिनों के भीतर खाताधारकों को पांच लाख रुपये मिलेंगे

संसद ने पिछले महीने जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया था, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आरबीआई द्वारा बैंकों पर स्थगन लागू करने 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को पांच लाख रुपये मिलें। जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘यह (21) बैंक 15 अक्टूबर, 2021 तक दावा सूची पेश करेंगे और 29 नवंबर 2021 तक अंतिम अद्यतन (दूसरी) सूची (मूलधन और ब्याज के साथ) में अपडेट करेंगे, ताकि डीआईसीजीसी दावे का निपटान कर सके।’’

करीब दो दर्जन सहकारी बैंक डूबे

इसके अलावा डीआईसीजीसी ने बैंकों से संशोधित कानून के अनुसार 90 दिनों के भीतर पांच लाख रुपये तक की धनराशि तक पहुंचने के लिए खाताधारकों को सहमति पत्र देने के लिए भी कहा है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) समेत देशभर में करीब दो दर्जन सहकारी बैंक डूब चुके हैं। इनमें लाखों ग्राहकों की जमा-पूंजी फंसी हुई है। इसे देखते हुए ही खाताधारकों को राहत देने के लिए सरकार को क्रेडिट गारंटी निगम कानून में संशोधन करना पड़ा जिसके बाद जमा राशि की गांरटी बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई।

क्या है जमा पर गारंटी

जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम यानी डीआईसीजीसी रिजर्व बैंक की सहायक इकाई है। यह बैंकों में जमा राशि के बदले रिजर्व बैंक की ओर से गारंटी देता है। यानी किसी स्थिति में बैंक डूब जाता है तो ग्राहकों को न्यूनतम पांच लाख रुपये मिलेंगे। इसके लिए पहले कई साल लगते थे, लेकिन नए कानून के तहत 90 दिन के भीतर ग्राहकों को भुगतान करना होता है।

एक ही बैंक में न रखें पूरी रकम

जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम बैंकों में जमा पर जो गारंटी देता है, उसकी अधिकतम सीमा भी पांच लाख रुपये है। यानी आपने बैंक नें पांच लाख से अधिक जमा किया हुआ है और बैंक डूब जाता है तो केवल पांच लाख रुपये ही मिलेंगे। इस राशि बैंक में आपके बचत खाता, एफडी, चालू खाता और अन्य सभी जमाओं को शामिल किया जाता है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा रकम होने की स्थिति में उसे अलग-अलग बैंकों में रखने में ही समझदारी है।

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