ट्रेन में सीट के विवाद में जीआरपी के सिपाही ने टीटीई को पीटा, GRP के दबाव में हुआ समझौता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सीट विवाद में शुक्रवार की रात ट्रेन में जीआरपी के सिपाही ने टीटीई से हाथापाई की। कर्रवाई के बजाय कैंट जीआरपी के दबाव में सुलह समझौता कर लिया गया। रेल कर्मचारी संगठन ने इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। कर्मचारी संगठनों की ओर से इस बाबत चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में इस तरह की घटना किसी रेलवे कर्मचारी के साथ दोहराई गई तो संगठन चुप नहीं बैठेगा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के चेकिंग स्टॉफ गुरु रतन विश्वकर्मा की ड्यूटी गाड़ी संख्या - 05231 बरौनी - गोंडिया स्पेशल ट्रेन में लगी थी। बोगी संख्या एस-3 में जौनपुर से चढ़े जीआरपी स्कॉर्ट के सिपाही पंकज झा बर्थ के लिए जिद करने लगा। आरोप है कि सिपाही ने टीटीई पर बर्थ देने का दबाव बनाया और हाथापाई करते हुए ट्रेन से नीचे फेंकने की धमकी दी। धमकी से भयभीत चेकिंग स्टॉफ ने टीटीई ने कंट्रोल पर शिकायत की। ट्रेन शुक्रवार रात वाराणसी पहुंची तो टीटीई गुरुरतन विश्वकर्मा जीआरपी थाने पहुंचे।
इस दौरान आरोप है कि जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कराने के बजाय उलटा टीटीई पर ही इस मामले में सुलह समझौते का दबाव बनाया गया। टीटीई के मुताबिक उसके पास मौजूद रिजर्वेशन चार्ट भी जीआरपी सिपाही द्वारा फाड़ दिया गया था। इस बाबत जीआरपी इंस्पेक्टर सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। वहीं, इस घटना से खफा एनईआरएमयू के मंडल अध्यक्ष एनबी सिंह ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना हुई तो कर्मचारी यूनियन इसका कड़ा जवाब देगा।
जबकि संबंधित टीटीई के अनुसार सिपाही का रवैया बिल्कुल उचित नहीं था। सीट को लेकर मना करने के बाद भी वह दबाव बना रहा था और हाथापाई के साथ ही मौजूद चार्ट को फाड़ दिया। इस दौरान सिपाही का बर्ताव पूरी तरह जीआरपी पुलिस की गरिमा और छवि के विपरीत था।