ग्रेच्युटी के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, रिटायरमेंट पर अब इस कैलकुलेशन से होगा हिसाब-किताब
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के ग्रेच्युटी (Gratuity) कैलकुलेट करने के नियम में बदलाव किया है। अब इन्हीं नियमों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (Gratuity) मिलेगी। इसके दायरे में केंद्र सरकार के वे सभी कर्मचारी, Defence Services में काम करने वाले सिविल गवर्नमेंट सर्वेंट आएंगे जो 1 जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में हैं।
हाल में नोटिफाई किए गए Central Civil Services (Payment of Gratuity under National Pension System) Rules, 2021 के मुताबिक Gratuity को लेकर किया गया कोई क्लेम अब इन्हीं नियमों को मानकर मिलेगा। इस नियम के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी जिस दिन रिटायर हुआ हो या हो रहा हो या रिजाइन कर रहा हो, वही उसका अंतिम Working Day होगा। इसके अलावा अगर किसी गवर्नमेंट सर्वेंट की डेथ हो जाती है तो वह दिन उसका Last Working Day माना जाए।
कब मिलती है Gratuity
- जब कोई सरकारी कर्मचारी 5 साल की क्वालिफाइंग सर्विस पूरी कर लेता है तो उसे रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है।
- रिटायरमेंट की उम्र में सेवानिवृत्ति मिली है।
- सेवानिवृत्ति की उम्र से पहले रिटायरमेंट लिया हो या लेना।
- अगर विभाग में उसे Surplus दिखा दिया जाए और वह Special Voluntary Retirement Scheme लेकर रिटायर हो जाए।
- अगर किसी कर्मचारी को केंद्र सरकार की किसी कंपनी या कॉरपोरेशन में जाने की इजाजत मिल जाए।
ग्रेच्युटी (Gratuity) Calculation
रिटायरमेंट ग्रेच्युटी इन मामलों में कर्मचारी के सैलरी की एक चौथाई होगी। यह हर 6 महीने पर सर्विस पूरा कने के साथ बनेगी। अधिकतम साढ़े 16 गुना होगी। आल इंडिया अकाउंट एंड आडिट कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हरिशंकर तिवारी ने बताया कि यहां सैलरी का मतलब है basic pay, जो सरकारी कर्मचारी को उसके रिटायरमेंट के तुरंत बाद मिलने लगती है। डॉक्टरों के मामले में Emoluments में non-practising allowance को भी जोड़ा जाता है। यह अलाउंस होने private Practice के नाम पर मिलता है।
Qualifying service का मतलब
तिवारी ने बताया कि Qualifying service का मतलब है जब कर्मचारी काम शुरू करता है, उसी दिन से उसकी सर्विस चालू हो जाती है। फिर भले ही उसने उस post पर officiating या टेम्परेरी बेसिस पर काम शुरू किया हो। यहां यह देखा जाएगा कि officiating or temporary service में अप्वाइंटमेंट होने तक कोई ब्रेक न हो।