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गाजीपुर जिले को ट्रांसफार्मर के लिए चंदौली पर रहना पड़ता है निर्भर, जल्द आत्मनिर्भर होने की उम्मीद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में खराब ट्रांसफार्मरों का शतप्रतिशत मरम्मत नहीं होने से बिजली के मोर्चे पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक बार ट्रांसफार्मर जलने के बाद लोगों को महीनों तक का इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि जनपद में ट्रांसफार्मर की जितनी मरम्मत होती है उससे ज्यादा की मांग हमेशा बनी रहती है। इसे देखते हुए शासन ने सैदपुर के वर्कशाप के लिए पांच करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। 

इसमें से 2.50 करोड़ निर्माण कार्य और 2.50 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिकल काम के लिए खर्च होना है। अगर जनवरी तक वर्कशाप में उत्पादन शुरू हो जाता है तो यहां से प्रतिदिन 30 से 35 ट्रांसफार्मरों का मरम्मत होने लगेगा। इससे जनपद सहित सैदपुर और नंदगंज क्षेत्र के ट्रांसफार्मरों की मांगों की पूर्ति आसान हो जाएगी। ऐसे में जनपद ट्रांसफार्मर मरम्मत के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

जून से सितंबर तक तो जिले में हर महीने एक हजार से अधिक ट्रांसफार्मरों को बदलने की जरूरत पड़ जाती है। लेकिन जिले के इकलौते वर्कशाप के भरोसे औसतन 650 ट्रांसफार्मर ही मौके पर उपलब्ध हो पा रहे हैं। जिससे बाकी ट्रांसफार्मरों के लिए इंतजार करने के अलावा पड़ोसी जिले चंदौली पर निर्भर होने की मजबूरी होती है। क्योंकि शहर के रौजा स्थित इकलौते वर्कशाप से अभी सिर्फ प्रतिदिन 20 से 22 ट्रांसफार्मरों के मरम्मत का कार्य ही हो पाता है।

जिसका भी बोझ हल्का होगा और चंदौली के वर्कशाप पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। रौजा और सैदपुर में निर्माणाधीन वर्कशाप शुरू होने के बाद प्रतिदिन कुल 50 ट्रांसफार्मरों के मरम्मत और निर्माण का कार्य होने लगेगा। इससे जनपद ट्रांसफार्मर को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा। सैदपुर और नंदगंज क्षेत्र की स्थिति यह है कि यहां पूरे साल ट्रांसफार्मर जलने पर चंदौली के साहूपुरी वर्कशाप ही गाड़ी भेजनी पड़ती है। जिससे कई बार ट्रांसफार्मर बदलने में 15 दिन से पूरा महीना तक भी लग जाता है।

हालांकि, इसके मद्देनजर बिजली विभाग की ओर से सैदपुर में एक वर्कशाप का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जो पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ जिसको इस साल अगस्त तक पूरा कर सुपुर्द करना था। लेकिन अभी निर्माण अधूरा है। विभाग की मानें तो वर्कशाप का करीब 65 फीसदी कार्य ही हो पाया है। निर्माण कार्य पूर्ण होने में अभी दो महीने का समय लग सकता है, जिसके बाद वर्कशाप का इलेक्ट्रिकल काम कराया जाएगा।

इधर, कार्य में देरी को लेकर विभाग की मानें तो कोरोना महामारी और वर्कशाप के सड़क पर सीवर लाइन का काम शुरू होने से काम बंद हो गया था। लेकिन नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कर दिसंबर तक इलेक्ट्रिकल का काम करा लिया जाएगा। बहरहाल, इतना होने के बाद ही अगले साल जनवरी तक वर्कशाप से ट्रांसफार्मर मरम्मत और निर्माण संबंधी उत्पादन कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

अधिशासी अभियंता वर्कशाप, बिजली विभाग श्याम गोपाल सक्सेना ने कहा कि ट्रांसफार्मर की मांग को देखते हुए शासन ने सैदपुर में वर्कशाप खोलने के लिए धनराशि आवंटित की। वहां दो शेड निर्मित किए जा रहे हैं। जिसका कार्य पूरा होने के बाद इलेक्ट्रिकल काम होना है। उम्मीद है कि जनवरी तक सैदपुर का वर्कशाप पूरी तरह से कार्य करने लगेगा।

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