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Ghazipur Border News: किसानों के धरने की वजह से एक्‍सप्रेस वे का कौन सा हिस्‍सा हो रहा है कमजोर - NHAI

Ghazipur Border News गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. यूपी गेट Ghazipur Border पर करीब 10 माह से किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने से दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस वे का एक हिस्‍सा कमजोर होता है. इस संबंध में नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ  इंडिया ने चिंता जताते हुए संबंधित जिलों के डीएम को लेटर लिखा है. जिसमें स्‍पष्‍ट किया है कि अगर धरना स्‍थल के आसपास करीब 300 मीटर में कोई  हादसा होता है तो उसकी जिम्‍मेदारी एनएचएआई की नहीं होगी.

Ghazipur Border News

एनएचएआई (NHAI) के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर मुदित गर्ग ने बताया कि जहां पर किसानों का धरना चल रहा है, उसके आसपास दस महीने से सड़क और पुल का रखरखाव नहीं हो पा रहा है.  इसकी वजह से एक्सप्रेस-वे का यह हिस्सा कमजोर हो सकता है.  इसके अलावा बरसात में जलभराव की वजह से वहां पेड़ उग आए हैं. जिनकी जड़ें नीचें की ओर पिलर और बे‍यरिंग में जा रही हैं, इसके अलावा बड़े बड़े कील ठोककर तंबू और टेंट लगाए गए हैं. इन वजह से यह हिस्‍सा  कमजोर हो सकता है.

इस मामले पर मेरठ कमिश्‍नर, गाजियाबाद और दिल्ली के शास्‍त्रीनगर जिले के डीएम को पत्र लिखकर हालात की जानकारी दी गई है और कहा है कि यदि उक्त स्थान पर कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदार एनएचएआई की नहीं होगी. उन्होंने किसान आंदोलन को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट कराने की अपील की है.

कृषि कानूनों के विरोध में Ghazipur Border आंदोलन कर रहे किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के लगभग 300 मीटर हिस्‍से पर धरना पर बैठे हैं. टेंट-तंबू से बस्ती बनी है. इसके लिए सड़क में गड्ढे किए गए हैं. बारिश में सड़क पर पानी भरा हुआ था. इस वजह से पुल के पिलर, बेयरिंग का रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है. सामान्‍यत: हर छह माह में या फिर बारिश के बाद पुलों की जांच की जाती है, जिससे उसमें आने वाली कमी का पता चलता है, उसकी मरम्‍मत  कराई जाती है.

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