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टौंस नदी का जलस्तर बढ़ने से गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, प्रशासन बेखबर और बेपरवाह - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा के जलस्तर घटने और मानसून के बाद स्थानीय नदी ने अचानक जलस्तर बढ़ने के बाद रौद्र रुप ले लिया है। नदी में बरसात के बाद बढ़े पानी ने आसपास के गांवों में जनजीवन को झकझोर दिया है तो किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। 

टौंस नदी का जल स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ने के बाद खेतों में जलभराव के हालात हो गए तो पानी ने गांवों में दस्तक दे दी है। गांव में पानी भरने के बाद लोगों ने सामान निकालना शुरू कर दिया है और सुरक्षित स्थान या रिश्तेदारी में शरण पा रहे हैं। बाढ़ की सूचनाओं के बीच प्रशासन बेखबर और बेपरवाह बना है, वहीं ग्रामीणों में आक्रोश बरकरार है। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2005 में टौंस नदी में बाढ़ आई थी, जिसकी विभीषिका में कई घर और फसलें बर्बाद हो गई थी।

गाजीपुर में कासिमाबाद क्षेत्र इसके चलते क्षेत्र सिधागर, मुहम्मदपुर कुसुम, पाली, सुरवत, अवराकोल, बेऊकही, बहहार सहित अन्य गांवों के सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल पानी में डूब गयी है। वहीं रविवार को भी टौंस नदी के जलस्तर में छह इंच की वृद्धि हुई है। इससे लोगों में भय और बढ़ गया है। लोगों को अपना घर-गृहस्ती छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पशुओं के लिए चारे का संकट उत्पन्न होता जा रहा है। 

क्योंकि अधिकांश खेतों में चारे की फसल डूबने लगी है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। पाली के रेता गांव, सिधागर ग्राम पंचायत का खैरा व कोड़रा राजस्व ग्राम, मुहम्मदपुर कुसुम का दूधगडवां, बहरार, बेरूखी, रेंगा सहित दर्जनों मजरे चारों तरफ से पानी से घिर चुके हैं। हजारों एकड़ धान की फसले जल मग्न हो चुकी है। सिधागर के खैरा गांव में छोटी नाव डेंगी के सहारे ग्रामीण अपने गंतव्य तक जा पा रहे हैं। 

बाढ़ की वजह से लोग सुरक्षित स्थान पर पलायन करने को मजबूर हैं। बहरार ग्राम पंचायत में सब्जियों की खेती किसानों का मुख्य व्यवसाय है, लेकिन बाढ़ की वजह से सब्जी जलमग्न होकर सड़ने लगी है। मालूम हो कि पिछले दिनों लगातार हुई बरसात के चलते टौंस नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। इसके चलते इसके सभी तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी आ गया है। समीप बसे गांव में बाढ़ की स्थिति बन गयी है। इन गांवों के नदी के किनारे बसे लोग अपने आशियाने को छोड़ जाने को विवश हो गये हैं। क्योंकि झोपड़ियों व मकानों तक पानी आ गया है। इससे लोगों में काफी दहशत है।

इनके घरों में भरा पानी, जताया आक्रोश:

टौंस नदी के आसपास के इलाकों में अब स्थित से वर्ष 2005 में आयी बाढ़ की विभीषिका का मंजर याद आने लगा है। क्षेत्र के रेता गांव में नन्हक कनौजिया, नखडू, सुबेदार कनौजिया, अरविंद यादव, धनेशर राजभर, मूरत साहनी, राम प्यारे सहानी, दुखंती राजभर, सुभाष, सीताराम खरवार, विरेंद्र खरवार, कमला राजभर, रमेश राजभर के घर में पानी घुस गया है। ग्राम पंचायत अंतर्गत मजरा खैरा निवासी संतु राजभर, राम केवल पाल, मंटू राजभर, कोडरा निवासी नामवर साहनी, चंद्रभान राजभर, घूरा यादव के मकान में पानी प्रवेश कर गया है। लोगों को प्रशासन से अबतक कोई मदद नहीं मिल सकी है। अब तक प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौका मुआयना करने तक नहीं आया है, इससे बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों में काफी नाराजगी बनी है।

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