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गाजीपुर जिले में धान बेचने के लिए किसानों की ओर से पंजीकरण शुरू - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद में एक लाख 61 हजार 553 हेक्टेआर में धान की खेती की गई है। अब सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। एक नवंबर से जनपद में धान की खरीद शुरू हो जाएगी। काफी प्रयास के बाद उन किसानों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है, जिनका आधार से लिक मोबाइल नंबर बंद या बदल गया है। ओटीपी आधार से लिक नंबर पर ही जाएगी। जिस क्षेत्र के किसानों के सामने यह समस्या अधिक आएगी, वहां के क्रय केंद्रों पर कैंप लगाने की भी तैयारी चल रहीं है

किसानों के धान अक्टूबर के अन्तिम व नंवबर के पहली सप्ताह से कटायी शुरू हो जाएगी। किसानों की ओर से धान बेचने के लिए पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। इस बार पंजीकरण करते समय आधार में लिक नंबर में ही ओटीपी जाएगी। जिसे फीड करने के बाद ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होगी। पंजीकरण में उन किसानों के सामने समस्या आ रही है, जिनका आधार से लिंक मोबाइल नंबर बंद है या बदल गया है। उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे किसानों को विभाग की ओर से पंजीकरण से पूर्व आधार को अपडेशन केंद्रों पर मोबाइल नंबर का संशोधन करा कराने का सलाह विभागीय कर्मचारी दे रहें है, जिससे किसानों को पंजीकरण कराने में समस्याए नहीं हो। 

इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के क्षेत्रीय उपनिदेशक ने किसानों को सहूलियत देने और इस समस्या को दूर करने के लिए खाद्य विभाग को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि आधार अपडेशन केंद्रों की जानकारी किसानों को दी जाए। सभी क्रय केंद्रों पर उसके आसपास के अपडेशन केंद्रों की सूची चस्पा की जा सकती है। जिन केंद्रों पर ऐसे किसानों की संख्या अधिक हो, जिनके आधार में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं या बदल चुका है। वहां अनुमति लेकर डाक विभाग के ब्रांच अधिकारी से संपर्क कर क्रय केंद्रों पर कैंप का आयोजन किया जा सकता है। किसानों को सभी सुविधाओं को देने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है।

गाजीपुर जनपद में धान बेचने के लिए किसानों की ओर से पंजीकरण शुरू हो गया है। जिन किसानों का आधार में लिंक मोबाइल नंबर बंद या बदल गया है। वे आसपास के आधार अपडेशन केंद्र से संशोधन करा लें। जिससे किसानों को पंजीकरण कराने में असानी होगी। जिस क्षेत्र के किसानों में यह समस्या अधिक आएगी, उन क्षेत्रों में केंद्रों पर कैंप लगाने की योजना बनायी जा रहीं है।-रतन शुक्ला, जिला खाद्य विपणन अधिकारी

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