Delhi Mumbai Expressway: सिर्फ 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और सरकार को 12,000 करोड़ की सालाना इनकम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री (MORTH) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दावा किया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) के शुरू होने के बाद सरकार को हर महीने टोल के रूप में 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये की कमाई होगी। यानी इस एक्सप्रेसवे से सरकार के खजाने में हर साल करीब 12,000 करोड़ रुपये आएंगे। इस एक्सप्रेसवे के 2023 में शुरू होने की उम्मीद है। गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल में इस पर यात्रा की थी।
ट्रैवल टाइम रह जाएगा आधा
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे को दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बताया जा रहा है। इसका निर्माण ‘भारतमाला परियोजना’ के पहले चरण के तहत किया जा रहा है। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय मौजूदा के 24 घंटे से घटकर आधा यानी 12 घंटे रह जाएगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। आठ लेन के इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 1380 किमी होगी। यह जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक जाएगा लेकिन सरकार इसे नरीमन पॉइंट तक बनाने की योजना बना रही है।
किन राज्यों से गुजरेगा
यह गुजरात (426 किमी), राजस्थान (373 किमी) मध्य प्रदेश (244 किमी), महाराष्ट्र (171 किमी), हरियाणा (129 किमी) और दिल्ली (9) से होकर गुजरेगा। इससे देश की राजधानी और आर्थिक राजधानी के बीच ट्रैवल टाइम आधे से भी कम रह जाएगा। अभी दिल्ली से मुंबई के बीच ट्रक से 48 घंटे और कार से 24 से 26 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेसवे बनने के बाद कार से यह दूरी 12 से 13 घंटे और ट्रक से 18 से 20 घंटे लगेंगे।
8 साल में कीमत वसूल
इसकी अनुमानित लागत 98,000 करोड़ रुपये है। अगर इससे साल में 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है तो करीब 8 साल में इसकी लागत वसूल हो जाएगी। इससे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अपने कर्ज का बोझ भी कम करने में मदद मिलेगी। मार्च में विभाग से संबंधित परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने बताया था कि एनएचएआई पर 97,115 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी को लेकर चिंता जताई थी। एनएचएआई का कुल कर्ज इस साल मार्च के अंत तक बढ़कर 3,06,704 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। गडकरी का कहना है कि 5 साल में एनएचएआई की टोल आय सालाना 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। यह अभी 40,000 करोड़ रुपये है।
किस मॉडल पर बना रहा एक्सप्रेसवे
एनएचएआई ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण और ऑपरेशन को फाइनेंस करने के लिए एक स्पेशल पर्पज वीकल (SPV) बनाया है। इसे पिछले साल अगस्त में DME Development Limited (DMEDL) के नाम से रजिस्टर्ड किया गया था। यह पूरी तरह NHAI के स्वामित्व वाली कंपनी है। एनएचआई की कुछ और परियोजनाओं के लिए भी यही मॉडल अपनाने की तैयारी है। पहले ये प्रोजेक्ट बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मोड में बनाए जाने थे। अगर कोई प्रोजेक्ट SPV मोड में आता है तो एनएचआईए या ठेकेदार कंपनी के बजाय SPV सीधे तौर पर फंड जुटाएगी।
क्या होगी इसकी खासियत
इस एक्सप्रेसवे पर 93 स्थानों पर Wayside Amenities होंगी। इसमें होटल, एटीएम, फूड कोर्ट्स, रिटेल शॉप्स, फ्यूल स्टेशंस और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन होंगे। यह देश का पहले एक्सप्रेसवे होगा जिस पर हेलीपैड और हर 100 किमी पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस ट्रॉमा सेंटर होगा। इस एक्सप्रेसवे पर ग्रीन कवर होगा जिसमें 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। पूरे एक्सप्रेसवे पर हर 500 मीटर पर रेनवॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम के साथ ड्रिप इरिगेशन की सुविधा होगी। यह देश के कई दूसरे एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा। इस एक्सप्रेसवे पर नर्मदा नदी पर 8 लेन का बिज बनाया जाएगा जो देश में अपनी तरह का पहला पुल होगा। यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा जिसमें जंगली जानवरों के लिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर होंगे।-