डायग्नोस्टिक सेंटर घोटाला: पूर्वांचल में विभागीय मिलीभगत से डीलर कर रहे पंजीयन में खेल, मशीनें लगवाने की शर्त पर सौदा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. डायग्नोस्टिक सेंटर घोटाला: अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर का खेल वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहा है लेकिन पूर्वांचल में यह खेल अवैध कमाई का बड़ा जरिया साबित हो रहा है। बीएचयू और मंडलीय अस्पताल में भीड़ का फायदा उठाकर दलाल इन अस्पतालों को मोटी कमाई भी करा रहे हैं।
इसकी वजह से मरीज तो भटक रहे हैं लेकिन अस्पतालों का खूब फायदा और दलालों की चांदी कट रही है। बनारस सहित 25 जनपदों में जिस डाक्टर के नाम 28 डायग्नोस्टिक सेंटर चल रहे हैं, उन सभी में एक ही कंपनी के उपकरण लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों से कंपनी का उपकरण लगवाने की शर्त पर यह सारा खेल विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कंपनी डीलर की ओर से खेला जा रहा है।
सिर्फ इन 28 डायग्नोस्टिक सेंटर ही नहीं जनपद के 41 रेडियोलाजिस्ट के नाम से प्रदेश भर में संचालित 170 केंद्रों में से भी अधिकांश में एक ही कंपनी के उपकरण लगे हैं। अन्य जनपदों में भी कमोबेश यही हाल है। डाक्टर व उसके पंजीयन नंबर सहित संबंधित कंपनी के उपकरण की भी डिटेल आनलाइन है, जिसे आसानी से जांचा जा सकता है। बावजूद इसके महकमे की ओर से कोई कार्रवाई न होना आरोपों को आधार दे रहा है।
जनपद में एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर से न केवल गैर जनपदों में दो या दो से अधिक केंद्र चलाए जा रहे हैं, वहीं मल्टीपल कंट्राेल नंबर भी लिया गया है। हालांकि स्थानीय पर पीसी-पीएनडीटी (प्री-कांसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक) सेल ने नियमित निरीक्षण के दौरान कमी पाए जाने पर जनपद के छह से अधिक डायग्नोस्टिक सेंटर को बंद करा दिया है। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर पीसी-पीएनडीटी ने समन जारी कर सभी रेडियोलाजिस्ट को प्रमाणपत्रों के साथ आगामी 16 सितंबर काे लखनऊ कार्यालय में तलब किया है।
नंबर एक, डायग्नोस्टिक सेंटर अनेक : पंजीयन नंबर 63532 से बनारस में न्यू हंस डायग्नोस्टिक सेंटर सहित आजमगढ़, बरेली, बुलंदशहर, इटावा, बाराबंकी, गोरखपुर, गाेंडा, गाजीपुर, महाराजगंज, मीरजापुर, कन्नौज, महोबा सहित 25 जनपदों में 28 डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हैं। वहीं पंजीयन नंबर 25184 से आशीर्वाद क्लीनिक का जांच केंद्र संचालित है, जिससे गैर जनपदों में 14 अन्य केंद्र भी चलाए जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन नंबर 12258 से आयुष डायग्नोस्टिक एंड अल्ट्रासाउंड एवं रजिस्ट्रेशन नंबर 047966 से साईनाथ हास्पिटल के अलावा दूसरे जनपदों में सात-सात अन्य केंद्र चल रहे हैं।
एक ही जनपद में होने चाहिए दोनों केंद्र : नियमानुसार एक पंजीयन नंबर से अधिकतम दो केंद्र चलाए जा सकते हैं। शर्त यह है कि दोनों जांच केंद्र एक ही जनपद में होने चाहिए। बावजूद इसके विभागीय मिलीभगत से पंजीयन नंबर के दुरुपयोग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।