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गाय, गंगा और गांव हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर - महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सिद्धपीठ हथियाराम मठ में लगातार दो माह तक चलने वाले चातुर्मास महानुष्ठान का समापन मठ पर वैदिक विद्वानों के आचार्यत्व एवं बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की उपस्थिति में किया गया। 

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज ने कहा कि यह धरती भगवान राम-कृष्ण की धरती है। विश्व में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका माना जाता है लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्धशाली होने का गौरव भारत को प्राप्त हुआ जहां माता गंगा का वास हुआ। गाय, गंगा एवं गांव हमारी सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहर हैं।

लगभग 700 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ तमाम ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर सहेजे हुए है। डा. रत्नाकर त्रिपाठी ने कहा कि सिद्धपीठ के संतों के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आदि संत मुरारनाथ द्वारा दातुन को फाड़कर जमीन में दबा देने के बाद एक बड़ा वृक्ष बलिया जिले के नगरा स्थित झाड़ी गांव में एवं एक वृक्ष ने मोहनिया बिहार के करगहर में विशाल वटवृक्ष का स्वरूप अख्तियार कर लिया है। 

इस अवसर पर शंभूजी पाठक, गंगोत्री सेवा समिति वाराणसी के किशोरी रमण दुबे, आचार्य सुरेशजी त्रिपाठी, आचार्य संजय त्रिपाठी, आचार्य रामानंद त्रिपाठी, पंडित सर्वेश पांडेय, डॉ. मंगला प्रसाद सिंह, डॉ. कौस्तुभ भट्टाचार्य, संत अमरजीत महाराज आदि उपस्थित थे।

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