गाजीपुर जिलाधिकारी के निर्देश पर सैदपुर तहसील के नायब नाजिर शकील अहमद पर मुकदमा दर्ज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सरकारी वाहनों में तेल भराने को लेकर फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों रुपये की अनियमितता करने के मामले में सैदपुर तहसील के नायब नाजिर शकील अहमद और पेट्रोल पंप के एक अज्ञात कर्मचारी के खिलाफ शनिवार की देर शाम सैदपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार नीलम उपाध्याय ने मुकदमा दर्ज कराया। फिलहाल पुलिस छानबीन में जुट हुई है।
तहसीलदार नीलम उपाध्याय ने तहरीर देकर बताया है कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के सरकारी वाहन और नायब तहसीलदार के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगाए गए वाहन में प्रयुक्त होने वाले ईंधन (डीजल) की पर्ची संबंधित अधिकारी द्वारा दी जाती है। पर्ची मिलने पर निर्धारित पेट्रोल पंप से ईंधन दिया जाता है। प्रत्येक वाहन के खर्च का अलग-अलग बिल संबंधित अधिकारी से सत्यापित कराने के बाद सदर नजारत को भेजा जाता है।
10 जून 2019 को 138971 रुपये का सात बिल और 17 जुलाई 2019 को 362132 रुपये का बिल नायब नाजिर शकील अहमद द्वारा सदर नजारत में भेजा गया। वहां के नायब नाजिर ने जांच की तो गड़बड़ी समझ में आई, उन्होंने 14 अक्टूबर 2020 को उक्त बिलों को वापस कर दिया। वाहन लागबुक के साथ डीजल बिल की मांग की।
प्रकरण संज्ञान में आने पर जांच की गई तो पता चला कि नायब नाजिर शकील अहमद ने पेट्रोल पंप कर्मचारी से मिलीभगत कर अधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर कर डीजल पर्ची लगाकर भुगतान के लिए बिल नाजिर सदर को भेज दिया। 14 अक्टूबर 2010 को डीएम कार्यालय से भेजे गए पत्र को संज्ञान में लेते हुए जांच कराई गई तो नायब नाजिर और पेट्रोल पंप के कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से वाहन डीजल मद से शासकीय धन आहरित करने का प्रयास किया गया।
मामला संज्ञान में आने के बाद उपजिलाधिकारी ने शकील अहमद के खिलाफ कठोर अनुशासकीय कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी संस्तुति की। डीएम ने मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया। जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद डीएम के आदेश पर तहसीलदार नीलम उपाध्याय ने मुकदमा दर्ज कराया। कोतवाल राजीव सिंह ने बताया कि तहसीलदार ने नायब नाजिर शकील अहमद और पेट्रोल पंप के निजी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा कायम कर छानबीन शुरू कर दी गई है।