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वाराणसी में ऑनलाइन क्लास के बाद बीएचयू की छात्रा ने फांसी लगाकर दे दी जान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के संकट मोचन मंदिर के पीछे भोगाबीर में मुन्ना पटेल के मकान में किराए का कमरा लेकर रह रही बीएचयू एमएम द्वितीय वर्ष की छात्रा शशि मौर्य ने फांसी लगाकर जान दे दी। इसकी जानकारी तब हुई जब रूम पार्टनर रिंकी कमरे पर पहुंची तो शशि का शव पंखे से लटक रहा था।सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा।

छात्रा के पिता द्वारिका प्रसाद को फ़ोन से सूचना दिया जिसके बाद मौके पर मां राजपति देवी और भाई दिनकर उर्फ दीना का तथा अन्य लोगों में शव देखकर कोहराम मच गया। मूलरूप से सारनाथ थाना क्षेत्र के पतरवां गांव के रहने वाले द्वारिका मौर्य खेती बारी करते हैं। इनकी बेटी शशि मौर्य बीएचयू से एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा है।बुधवार की दोपहर में शशि अपने कमरे में टैब से ऑनलाइन क्लास कर रही थी। 

आशंका है इसके बाद दुपट्टे के सहारे फांसी लगा लिया।मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट नही मिला है जबकि छात्रा का टैब और मोबाइल कब्जे में लिया गया है। मृतका ने सुबह 10 बजे अपने घर पर मां और परिवार वालों से बात की थी और शाम को जीवपुत्रिका पूजा में आने के लिए भी बोली थी। मां रोते रोते बेसुध हो जा रही थी ।किसी को उम्मीद नही थी कि तीन घण्टे बाद उन्हें बेटी के मौत की सूचना मिलेगी। इसके पूर्व शशि नगवां में रहती थी और यहां दो माह पूर्व से रह रही थी।

शशि की रूम पार्टनर रिंकी बीएचयू से बीएफए कर रही हैं जो सुबह नाश्ता करने के बाद पांडेयपुर में कोई परीक्षा देने चली गई। इसके बाद शशि ऑनलाइन क्लास के बाद खाना नहीं खाई और अपनी दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। रिंकी ने बताया कि किसी बीच मे शशि को फोन की थी लेकिन फोन रिसीव नहीं होने पर उसने बगल में रहने वाली छात्रा को फोन करके पूछा जिसने दरवाजा पीटा लेकिन उत्तर नही मिला। 

मृतका के पिता द्वारिका गांव में ही जनरल स्टोर्स चलाते हैं। दो बेटे और दो बेटी थी। शशि पढ़ने में ठीक थी। उसके पढ़ाई के लिए घर वालों ने कीमती मोबाइल और टैब खरीद कर दिया था। घरवालों ने बताया कि शशि तीन दिन पूर्व घर से छुट्टी बिताकर आई थी। घरवाले या शशि के रूम पार्टनर को उसके ऐसे कदम उठाने पर विश्वास ही नही हो रहा था।

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