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सेना भर्ती में ठगी के आरोपी तीन युवक गिरफ्तार, कई दिनों से तलाश कर रही थी आर्मी इंटेलिजेंस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बरेली. सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर महाराष्ट्र में बांदा के लवलेश यादव को ठगने के आरोपी थाना शाही के गांव वसई में रहने वाले महेंद्र पाल, राहुल शर्मा और शुभम को पुलिस ने आर्मी इंटेलीजेंस की मदद से गिरफ्तार कर लिया। महाराष्ट्र और बरेली की आर्मी इंटेलिजेंस कई दिनों से आरोपियों के बारे में छानबीन कर रही थी।

पुलिस के मुताबिक बांदा में थाना कमासिन के गांव जमरेही नाथ निवासी सेना के रिटायर्ड हवलदार रामबरन यादव के बेटे लवलेश कुमार यादव 29 अगस्त को महाराष्ट्र के कैम्पटी स्थित ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर में भर्ती देखने गए थे। शुभम से उनकी वहीं मुलाकात हुई। शुभम ने लवलेश की अपने चचेरे भाई राहुल से बात कराई। बताया, सेना में राहुल के अच्छे संबंध हैं और वह उसे भर्ती करा सकता है। राहुल और शुभम के कहने पर लवलेश ने महेंद्र पाल नाम के व्यक्ति के अकाउंट में बीस हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। कुछ समय बाद लवलेश को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने आरोपियों को फोन करके पूरी बात की रिकार्डिंग कर ली। इसके बाद अपनी रकम वापस मांगी तो टालमटोल कर दी गई।

लवलेश ने कैम्पटी में ही आर्मी इंटेलिजेंस से शिकायत की तो जांच शुरू कर दी गई। आरोपियों का पता बरेली का निकलने पर यहां की आर्मी इंटेलिजेंस की मदद ली गई। बृहस्पतिवार को लवलेश की तहरीर पर कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। शुक्रवार को तीनों आरोपी किसी काम से बरेली आए तो उनके पीछे लगी पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने उन्हें दबोच लिया।

सेना में भर्ती होने गए थे, बन गए दलाल

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ठगी की बात स्वीकार की है। शुभम महाराष्ट्र में सेना में भर्ती होने गया था। लवलेश से मुलाकात होने पर उसने भर्ती का झांसा दिया। फिर लवलेश का मोबाइल नंबर अपने चचेरे भाई राहुल शर्मा को दे दिया। राहुल से फोन पर बातचीत में एक लाख रुपये में भर्ती कराने का सौदा तय हुआ। एडवांस के तौर पर बीस हजार रुपये देने की बात हुई जो राहुल ने महेंद्र के अकाउंट में ट्रांसफर कराए गए।

पहले भी सामने आए सेना भर्ती में ठगी के मामले

- वर्ष 2012 में मेरठ के आदेश गुर्जर और आदित्य चौहान के गैंग ने बरेली में फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये कई युवकों को सेना में भर्ती कराने की कोशिश की थी। इसका खुलासा प्रमाणपत्रों के ऑनलाइन सत्यापन के दौरान हुआ था।

- अक्तूबर 2014 में सैन्य वर्दीधारी युवक ने अलीगढ़ के हामिदपुर निवासी मनोज, बृजपाल, संजू, गौरव और मेरठ में गांव रोही निवासी नकुल से हापुड़ में सौदा तय करने के बाद बरेली में उनसे 15 लाख रुपये वसूले थे।

- फरवरी 2015 में राजस्थान में धौलपुर के गांव पिदावली में रहने वाला शैलेंद्र परिहार फर्रुखाबाद के अभ्यर्थी मोनू पाल की जगह मेडिकल परीक्षण कराने की कोशिश में पकड़ा गया था।

- वर्ष 2016 में भर्ती के नाम पर ठगने वाले गिरोह के चार लोगों को मिलिट्री इंटेलिजेंस ने रुपये का लेनदेन करते हुए दलाल समेत पकड़ा था। मगर गैंग का मास्टर माइंड फ रार हो गया था। जांच में एमईएस के कर्मी से सेना भर्ती के अहम दस्तावेज भी बरामद हुए थे। उस समय सुनील ने विजय कुमार निवासी गंगानगर, सुभाषनगर को गैंग लीडर बताया।

- अक्तूबर 2020 में जाट रेजिमेंट में हुई कोटा भर्ती के दौरान आगरा के खेरागढ़ निवासी अंकित और इटावा के जसवंतनगर निवासी चंद्रवीर को मेडिकल में फर्जीवाड़े के मामले में पकड़ा गया था।

सेना भर्ती के नाम पर तीन लोगों ने बांदा के एक युवक से बीस हजार रुपये ठग लिए थे। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके गैंग में और कौन शामिल हैं, यह भी जानकारी की जा रही है। - रवींद्र कुमार, एसपी सिटी

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