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Ghazipur: यूनियन बैंक की नंदगंज शाखा में कैशियर को फर्जी चेक देकर खाते से निकाले 80 हजार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के नंदगंज बाजार स्थित यूनियन बैंक शाखा में कैशियर को एक जालसाज फर्जी चैक से 80 हजार रुपये लेकर चंपत हो गया। जांच में चेक पूरी तरह फर्जी निकला। मामले का खुलासा हुआ तो हडकंप मच गया। 

नंदगंज बाजार स्थित यूनियन बैंक शाखा
नंदगंज बाजार स्थित यूनियन बैंक शाखा

इसके बाद गुरुवार को बैंक मित्रों और बड़े डिपोजिटर कैशियर के आग्रह पर एक-एक हजार रुपये का सहयोग देकर रकम की पूर्ति करने के लिए आए। हालांकि, यह रकम पूरी कर ली गयी है और कैशियर को इसका काफी पछतावा भी है। युवक का पता लगाने के लिए जब बैंक का सीसी टीवी फुटेज से पता लगाया गया, तो भुगतान लेने वाला युवक मुंह पर बड़ा मास्क लगाये हुए था। इससे उसकी पहचान नहीं हो सकी।

सोमवार को नंदगंज यूनियन बैंक शाखा में लंच के दौरान एक जालसाज बनारस ब्रांच का 80 हजार रुपये का फर्जी चेक कैशियर के केबिन में दिया। लंच ब्रेक के बाद जैसे ही कैशियर आये, तो उस चेक देने वाले व्यक्ति ने कहा कि हमारा चेक आप के केबिन में नीचे गिर गया है। कैशियर ने चेक उठाकर देखा, तो चेक बैंक पर अधिकारी द्वारा जांचा का साइन व कट भी किया हुआ था। 

इसे देश कैशियर ने सोचा कि अधिकारी चेक को जांच कर पास कर दिये हैं और इसे विंडो में रखवा दिये होंगे, जहां यह किसी तरह चेक गिर गया। कैशियर ने उस फ्रॉड के चके पर 80 हजार रुपये का भुगतान कर दिया। जहां वह फ्रॉड रुपये लेकर चंपत हो गया, फिर शाम को जब बैंक शाखा में कैश का हिसाब किया जाने लगा, तो अंतर 80 हजार का आया। दो-तीन बार इसकी जांच की गयी, तब पता चला कि 80 हजार का फर्जी भुगतान हो गया है। 

वह चेक जांच के लिए किसी बैंक अधिकारी के पास आया ही नहीं था। जालसाज ने स्वयं चेक पर बैंक अधिकारी जैसा साइन व कट का चिन्ह लगाकर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर सीधे कैशियर के केबिन में डाल दिया था। वाराणसी के जिस खाते का चेक था, वह खाता बंद हो चुका था। जब इसकी जानकारी बैंक के कैशियर को हुई, तो वह बेहोश हो गया। किसी तरह उसे बैंकर्मियों ने संभाला और फिर बिना पुलिस को इसकी जानकारी दी। 

इसके बाद बैंककर्मियों ने मिलकर 80 हजार रुपये की व्यवस्था करकराकर बैंक के डे-बुक को पूर्ण किया गया। जांच में पता चला कि जालसाज आरोपी कई दिनों तक बैंक में रेकी कर चेक पास करने का ढंग तथा समय आदि का अध्ययन कर रहा था और माकूल समय देखकर उसने अपने मंसूबे को अंजाम देकर फरार हो गया।

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