ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित होगी 740 हेक्टेयर भूमि, 5 हजार करोड़ की है परियोजना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण को कवायद तेज हो गई है। हैदराबाद की कंपनी आरबी एसोसिएट डीपीआर बना रही है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, इसमें बलिया सदर तहसील में 495 हेक्टेयर और बैरिया में 245 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित किये जाने की स्वीकृति मिली है।
दोनों तहसीलों को मिलाकर दो हजार से अधिक किसानों से जमीन ली जाएगी। उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। मिट्टी की जांच लखनऊ के अरूण स्वायल लैब कर रहा है। टीम ने दो चरण की जांच पूरी कर ली है। तीसरे चरण की जांच चल रही है। उसके बाद डीपीआर में एक्सप्रेस-वे का मानक भी तय होगा। पांच हजार करोड़ से प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 118 किमी लंबा होगा। चौड़ाई 60 मीटर होगी।
वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से जंगीपुर के पास इस एक्सप्रेस-वे को जोड़ा जाएगा। यहीं से यह एक्सप्रेस-वे शुरू होगा। कार्य पूरा होने के बाद इसे ही एनएच-31 घोषित कर दिया जाएगा। जंगीपुर से करीब 14 किमी आगे इसे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से इसे जोड़ दिया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू भी हो गई है। आगामी सितम्बर माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही दिसम्बर में कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। 2025 तक एक्सप्रेस-वे के पूर्ण करने का लक्ष्य है। हाइवे के दोनों तरफ पेड़-पौधाें की हरियाली होगी, इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा।
बलिया में 98 गांवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेस-वे जनपद के दो तहसीलों के कुल 98 गांवों से होकर निकलेगा। जनपद के सदर तहसील के शाहपुर, लकौरा, बढ़वलिया, हरदत्तपुर, टिकारी, बशरतपुर, हैबतपुर, खोरीपाकड़, सर्फुदीदनपुर, माल्देपुर, विजयीपुर, बनकटा, कंसपुर, मोहनछपरा, नगवां, भेलसर, भीमपट्टी, कछुवा खास, मुड़ाडीह, लाखपुर, बेलहरी, दुधैला, रघुनाथपुर, दिघार समेत 82 गांव शामिल हैं। बैरिया तहसील के कंचनपुर, रामपुर, छेड़ीडीह, नकागांव, बलिहार, दयाछपरा, दलपतपुर, जगदेवा, टेंगरहीं, सोनबरसा, इब्राहिमाबाद उपरवार, चांददियर आदि सहित 16 गांव शामिल हैं।
हैदराबाद की कंपनी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है
हैदराबाद की कंपनी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 2022 से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू होगा और चार वर्ष में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।- योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआइ, आजमगढ़