सीएम योगी ने कलाई घड़ी क्यों पहनना छोड़ दी, ये वजह आई सामने
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. पुरानी तस्वीरों पर अगर आपने कभी गौर किया हो तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाएं हाथ की कलाई पर हमेशा घड़ी नजर आती थी। अब बीते कुछ समय से ये घड़ी नदारद है। ताजा तस्वीरों और वीडियो में वे बिना घड़ी बांधे नजर आ रहे हैं। इसके पीछे की वजह रविवार को उनके आगरा दौरे में सामने आई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाएं हाथ में एलर्जी हो गई थी। इस पर देश के नामचीन होम्योपैथिक डा. आरएस पारीक खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे और वीआइपी लाउंज में मुख्यमंत्री का हाथ देखा। पांच से सात मिनट तक होम्योपैथी पद्धति पर चर्चा की गई। मेयर नवीन जैन का कहना है कि घड़ी पहनने से सीएम के बाएं हाथ में एलर्जी हो गई थी। इसी के चलते डा. पारीक को बुलाया गया था।
मुलायम सिंह भी हैं डा. पारीक के मुरीद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही नहीं देश के पूर्व रक्षामंत्री एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी डा. आरएस पारीक के मुरीद हैं। वे जब भी आगरा आते थे, तब डा. पारीक से मिलते थे। कई बार उनका इलाज डा. पारीक से चला। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आगरा आने पर डा. पारीक से भेंट करते थे। दरअसल डा. पारीक के होम्योपैथिक के क्षेत्र में किए गए शोध देश और दुनिया में मशहूर हैं। बुजुर्ग अवस्था और कोरोना काल के चलते डा. पारीक बीते काफी समय से बहुत ही चुनिंदा लोगों से ही मिल रहे थे। रविवार को मुख्यमंत्री को देखने के लिए वे एयरपोर्ट पहुंचे।
थी तैयारी, नहीं हुई बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड की रोकथाम और विकास कार्यों को लेकर कहीं बैठक न करें, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी। विभिन्न योजनाओं के प्रगति की बुकलेट तैयार थी लेकिन मुख्यमंत्री ने कोई बैठक नहीं की।
नई दिल्ली के लिए रवाना हुए नड्डा
फतेहाबाद रोड स्थित एसएनजे गोल्ड कन्वेंशन सेंटर में डाक्टरों को सम्मानित करने के बाद भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे। वायुयान से नड्डा नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
डा. आदित्य पारीक की पुस्तक का किया विमोचन
खेरिया एयरपोर्ट के वीआइपी लाउंज में मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डा. आदित्य पारीक की पुस्तक का विमोचन किया। इसमें गंभीर बीमारियों के इलाज की एडवांस तकनीक बताई गई हैं। साथ ही ब्लड कैंसर, डिप्रेशन सहित अन्य बीमारियों के केस भी हैं। डा. आदित्य ने बताया कि पुस्तक का प्रकाशन फरवरी 2021 में हुआ था।