उत्तर प्रदेश कैबिनेट का फैसला, अब निजी विश्वविद्यालय अनावश्यक नियंत्रण से होंगे मुक्त
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार निजी क्षेत्र को विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन देने के मकसद से उन्हें अनावश्यक नियंत्रण से मुक्त करके और अधिकार दे रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन पर मंत्रिपरिषद ने सोमवार को मुहर लगाई है। उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत निजी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद विश्वविद्यालय की प्रथम परिनियमावली बनाती है। इस परिनियमावली को राज्य सरकार मंजूरी देती है।
परिनियमावली में विश्वविद्यालय के संचालन से संबंधित नियम होते हैं। अब निजी विश्वविद्यालयों की प्रथम परिनियमावली को राज्य सरकार की मंजूरी से मुक्त किया जा रहा है। कार्य परिषद परिनियमावली बनाकर राज्य सरकार के सूचनार्थ भेज देगी। परिनियमावली को अमल में लाने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी नहीं होगी। इसीलिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन हुआ है। निजी क्षेत्र के तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश 2021 विधेयक विधानमंडल में रखा जाएगा। इसी तरह से उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश 2021 की जगह विधेयक राज्य विधानमंडल में फिर से लाया जाएगा। कैबिनेट पर उस पर मुहर लगा दी है। सहायताप्राप्त उप्र प्राविधिक शिक्षा संस्था विनियमावली 1996 यथा संशोधित में पांचवां संशोधन किया गया है।
आरआरटीएस में आ रहे भवन होंगे शिफ्ट, दी तीन एकड़ भूमि: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रीजनल रैपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम (आरआरटीएस) की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर परियोजना से आच्छादित परिवहन निगम के भवनों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए तीन एकड़ भूमि निश्शुल्क दी गई है। बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए आरआरटीएस के रास्ते में आ रही परिवहन निगम की क्षेत्रीय कार्यशाला, आवासीय कालोनी व गेस्ट हाउस को वहां से हटाया जाएगा। परिवहन निगम के इन भवनों का निर्माण मेरठ की सरधना तहसील के मुकर्रबपुर पल्हेड़ा गांव में किया जाएगा। राजस्व विभाग द्वारा इसके लिए परिवहन निगम को निश्शुल्क जमीन दी जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर इस मुहर लगने के बाद अब आरआरटीएस की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर परियोजना जल्द पूरी होगी और लोगों को सुगम परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सकेगी। फिलहाल अब जल्द इस कारिडोर की राह में आ रहे परिवहन निगम के भवन ध्वस्त किए जाएंगे और योजना को जल्द पूरा करने में मदद मिलेगी।