उमर गौतम का एक और साथी डा. फराज शाह को यूपी ATS ने महाराष्ट्र से किया गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सुनियोजित साजिश के तहत मतांतरण कराने वाले गिरोह की जड़ें महाराष्ट्र में बेहद गहरी हैं। उत्तर प्रदेश की तरह महराष्ट्र के कई जिलों में मतांतरण का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने साजिशन एक हजार से अधिक हिंदुओं का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम के एक और सक्रिय साथी डा. फराज शाह को महाराष्ट्र के यवतमाल से गिरफ्तार किया है। एटीएस को उससे पूछताछ में मतांतरण के नेटवर्क से जुड़े कुछ अन्य लोगों के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं।
डा. फराज शाह ने एमबीबीएस किया था और अपने घर के पास ही क्लीनिक का संचालन करता था। वह क्लीनिक से भी मतांतरण से जुड़ी गतिविधियों को चला रहा था। एटीएस ने 17 जुलाई को महाराष्ट्र के नागपुर से पकड़े गए एडम, कौसर व डा.अर्सलान के मोबाइल फोने से राष्ट्र विरोधी व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली वार्तालाप की कई आडियो क्लिप मिली हैं। एटीएस अब आरोपितों की आवाज के नमूने लेकर उनका परीक्षण कराने की कार्यवाही कर रही है। कई वीडियो क्लिप व फोटो भी मिले हैं।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यवतमाल के पूसद कस्बे से आरोपित डा.फराज शाह को रविवार रात गिरफ्तार किया गया। एटीएस की टीम उसे लेकर सोमवार शाम लखनऊ पहुंची और यहां विशेष कोर्ट में पेश किया। एटीएस अब उसे पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। एडीजी का कहना है कि फराज नागपुर (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किए गए रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डा.अर्सलान का सक्रिय साथी रहा है। वह मुख्य आरोपित उमर गौतम के भी सीधे संपर्क में था। एडम व उसके साथियों के साथ मिलकर महाराष्ट्र के कई जिलों में साजिश के तहत बड़ी संख्या में मतांतरण कराया है।
फराज भी लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष पैदा कर उन्हें मतांतरण के लिए उकसाता था। उसके तार अवैध मतांतरण के लिए विदेश से की हो रही फंडिंग से भी जुड़े रहे हैं। शुरुआती पूछताछ में फराज ने एडम के सीधे संपर्क में रहे महाराष्ट्र के कई और युवकों के बारे में जानकारियां साझा की हैं। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि नागपुर से पकड़े गए एडम व उसके साथियों से पूछताछ में फराज के बारे में जानकारी मिली थी। जिसके बाद से एटीएस उसके बारे में छानबीन कर रही थी। एडम व अर्सलान के साथ वह उमर गौतम के कार्यक्रमों में भी शामिल हुआ था।
दिल्ली था इस साजिश का केंद्र : एटीएस ने 20 जून को उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों तक फैले मतांतरण के इस नेटवर्क का राजफाश किया था। संगठित रूप से मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं व कमजोर आय वर्ग के लोगों को डरा-धमका कर तथा उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर उनका मतांतरण कराए जाने के मामले में दिल्ली निवासी मु.उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया था। उमर गौतम दिल्ली से संचालित संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) के जरिए अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा था। तब प्रदेश के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराए जाने के साक्ष्य मिले थे। युवतियों का मतांतरण कराकर उनकी मुस्लिम युवकों से शादी कराने के मामले भी सामने आए थे। एटीएस ने बीते दिनों उमर के सक्रिय साथी हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के निवासी इरफान शेख व दिल्ली निवासी राहुल भोला को भी गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब तक नौ आरोपितों की गिरफ्तार की जा चुकी है।