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'रक्षक' डिवाइस से लैस होंगे ट्रैक मेंटेनर, अनोखा डिवाइस ऐसे बचाएगा रेल हादसा - Indian Railways News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. अब रेल पटरी पर मरम्मत कार्य के दौरान किसी कर्मचारी की जान नही जाएगी। एक खास तरह का डिवाइस आपात स्थिति से उन्हे अलर्ट करेगा। ट्रेन आने से पहले ही ट्रैक मेंटेनर को इसकी जानकारी मिल जाएगी। इसे संभव बनाने के लिए लखनऊ मंडल के गैंगमैन और ट्रैक मेंटेनर को जीपीएस आधारित डिवाइस 'रक्षक' से लैस करने की कवायद चल रही है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मंडल मुख्यालय से संरक्षा कार्य से जुड़े कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है।

गत छह अगस्त को शिवपुर-कादीपुर सेक्शन में पटरी मरम्मत कार्य के दौरान मालगाड़ी की चपेट मे आने से एक ट्रैक मेंटेनर दुखद दुर्घटना का शिकार हो गया था। ट्रैक मेंटेनर अनिल कुमार को गाड़ी आने का अंदाजा भी नहीं लग पाया। इस दुर्घटना से नाराज कर्मचारी संगठन ने विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया था। महाप्रबंधक से मिले प्रतिनिधि मंडल ने कर्मचारियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के सहायक मंडल मंत्री तारकनाथ, शाखा सचिव विंध्यवासिनी यादव, रामेश्वर सिंह, गजेंद्र सिंह, डीपी यादव, जितेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, एसके यादव आदि ने ज्ञापन दिया था।

ऐसे काम करता है रक्षक : जीपीएस आधारित डिवाइस 'रक्षक' एक वायरलेस सेट के आकार का होता है। ट्रेन या मालगाड़ी आने पर उसमें लगा एलईडी बल्ब जलने लगता है। शरीर में वाइब्रेशन देकर बिप की आवाज निकलती है। इस सेट को जीपीएस नेविगेशन से जोड़ दिया जाता है। जिस साइट पर काम होता है, उसकी जानकारी आईओडब्ल्यू रेलवे कंट्रोल को भेजता है। कंट्रोल रूम के जरिए संबंधित रूट पर जाने वाली ट्रेन के चालक और गार्ड को इसकी जानकारी दी जाती है। 

बोले अधिकारी : आपात स्थिति से निपटने के लिए संरक्षा कार्य से जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाता है। फिर भी रक्षक डिवाइस उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ मंडल रिपोर्ट मांगी जाएगी। - आशुतोष गंगल, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे।


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