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अतुल राय रेप मामला: पीड़िता और गवाह पर दबाव बनाने के लिए आरोपी सांसद ने दर्ज कराए थे 7 मुकदमे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. दुष्कर्म के आरोप में प्रयागराज के नैनी जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय के सहयोगियों नेे पीड़िता और गवाह पर दबाव बनाने के लिए सात मुकदमे दर्ज कराए थे। बीच-बीच में पीड़िता और गवाह को धमकी भी दी जाती थी। पीड़िता ने 10 नवंबर 2020 को तत्कालीन एसएसपी वाराणसी को आरोपी सांसद और उनके लोगों की ओर से दी जा रही मानसिक व शारीरिक यातनाएं दिए जाने की शिकायत की थी। मगर, पुलिस ने पीड़िता के शिकायत पत्रों की पूरी तरह अनदेखी की। हालांकि अब पुलिस पीड़िता और गवाह को धमकी व यातनाएं देने वालों की पहचान कर कार्रवाई करेगी।

सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों के सामने खूब गुहार लगाई थी। मगर, तत्कालीन एसएसपी ने पीड़िता के शिकायती पत्रों पर गंभीरता नहीं दिखाई दी थी। जबकि एक साल पहले पीड़िता ने शिकायती पत्र में साफ लिखा था कि अतुल राय के लोग केस कमजोर करने और साक्ष्य मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। उसने यह भी शिकायत की थी कि मेरे गवाह के नाम को किसी अपराधी के साथ जोड़कर दिखाया जा रहा है। इससे व्यथित मेरे गवाह ने आत्मदाह करने की बात कर रहा था और मेरे काफी मना करने के बाद वह माना था। 

ऐसे में साफ है कि पीड़िता और उसके गवाह को दबाव बनाकर विचलित किया जा रहा था। मगर, पुलिस की लापरवाही की वजह से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई। पीड़िता की ओर से सांसद अतुल राय पर मऊ सदर विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी से भी करीबी का आरोप लगाया जाता रहा था। हालांकि अब अतुल राय और उसके परिजन उसकी जान को मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों से खतरा बताते हैं।

धमकी देने वाले दो लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा

पीड़िता के गवाह ने दिसंबर 2020 में लंका थाने में धमकी देने वाले शिवपुर निवासी शोभित सिंह और शुभम पर मुकदमा दर्ज कराया था। उसने लंका पुलिस को इस संबंध में पुख्ता प्रमाण भी सौंपा था। मगर, लंका पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद इस मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि पुलिस का दावा है कि पीड़िता के सभी मामलों में चार्जशीट लगाई गई है।

विवादों में ही रहा बीएलडब्ल्यू से सांसद तक का सफर

गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय के पिता भरत सिंह वाराणसी में बीएलडब्ल्यू में कार्यरत थे। मैदागिन के हरिश्चंद्र पीजी कालेज में बीएससी करने के बाद अतुल राय मऊ सदर विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की सरपरस्ती में आ गया। वाराणसी में अतुल के खिलाफ पहला मुकदमा रंगदारी मांगने और धमकाने सहित अन्य आरोपों में वर्ष 2009 में मंडुवाडीह थाने में दर्ज हुआ। तब से लेकर वर्ष 2020 तक सिर्फ वाराणसी के ही अलग-अलग थानों में हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म और गैंगेस्टर एक्ट के तहत 14 से ज्यादा मुकदमे अतुल के खिलाफ दर्ज हुए हैं। 

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