Ghazipur: नम आंखों से दी जवान रामनिवास यादव को अंतिम विदाई
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सेना की क्रास कंट्री रेस के दौरान हीट स्ट्रोक से गिरकर बेहोश हुए जवान रामनिवास की इलाज के दौरान मौत के बाद पार्थिव शरीर शुक्रवार को पैतृक गांव लाया गया। गांव की सीमा पर सैकड़ों ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए सुबह से जुट गए तो युवाओं का जोश सड़कों पर दिखा।
पार्थिव शरीर के पहुंचते ही लोग भारत माता की जय, जब तक सूरह चांद रहेगा राम निवास का राम रहेगा, अमर रहे आदि का नारा गूंजता रहा। पार्थिव शरीर को पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। परिजन अपने लाल का अंतिम दर्शन कर फफक-फफककर बिलखते रहे, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
जवान के बेटों ने भी सिसक-सिसककर पिता को नमन किया और सैल्यूट कर बहादुरी का संकल्प लिया। पैतृक गांव पर जवान का अंतिम दर्शन कराये जाने के बाद अंतिम संस्कार के लिए गाजीपुर शहर स्थित श्मशानघाट पर लाया गया, जहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
गाजीपुर के कासिमाबाद निवासी 32 वर्षीय रामनिवास यादव पुत्र स्व. चंद्रभान सिंह यादव 2007 में सेना में भर्ती हुआ था। इस समय उसकी तैनाती सेना की 85 आर्म्ड रेजिमेंट जम्मू कश्मीर में थी। सेना की तरफ से विभिन्न कोर की मैराथन दौड़ 20 अगस्त को पठानकोट में आयोजित की गई थी, जिसमें रामनिवास की तेज धूप में तबियत बिगड़ गई, वह ट्रैक पर गिर पड़े। सूचना परिजनों 21 सितंबर को दी गई थी।
हीट स्ट्रोक होने से उसकी तबीयत बिगड़ी तो पहले उसका इलाज पठानकोट में हुआ, फिर दिल्ली लाया गया। इसके बाद बताया गया था कि वह पठानकोट में सेना के हास्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती है। इसके दो दिन बाद दिल्ली स्थित सेना के आरआरके हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव जलालपुर में 12:30 बजे सेना के वाहन में पहुंचा। कुल पांच भाइयों में रामनिवास सबसे छोटा थे। इसमें दो भाई रविंद्र सिंह यादव और कमलेश सिंह यादव सेना में ही कार्यरत हैं, जबकि दो अन्य घर पर रहकर कृषि का कार्य करते हैं। इनके पिता स्व. चंद्रभान यादव सरकारी शिक्षक थे। अपने लाल के निधन से कासिमाबाद का पूरा इलाका शोकाकुल है।