यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी शुरू, मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण 1 से होगा शुरू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. निर्वाचन आयोग ने विधानसभा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की तिथि घोषित कर दी है। एक नवम्बर, 2021 को मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन होगा। पब्लिक इसे बूथ पर देख सकेगी। अगर मतदाता सूची में नाम नहीं है तो एक से तीस नवम्बर तक चलने वाले विशेष अभियान के दौरान मतदाता सूची में नाम जोडऩे, नाम व पता आदि संशोधन व मृतक वोटर के नाम हटाने के लिए दावा आपत्ति यानी फार्म जमा कर सकेंगे। सभी प्रकार के दावे आपत्ति का निस्तारण आयोग के निर्देश के क्रम में बीस दिसंबर तक पूर्ण किया जाएगा। इसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पांच जनवरी, 2022 को होगा।
आयोग के निर्देश के क्रम में एक जनवरी, 2022 को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले युवा भी मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान वोटर बनने के लिए फार्म भर सकेंगे। जिले में विशेष पुनरीक्षण की तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि विशेष पुनरीक्षण को लेकर बीएलओ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके बाद नाम जोडऩे, संशोधन से संबंधित फार्म उपलब्ध कराए जाएंगे।
फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव
मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम घोषित होने के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव फरवरी या मार्च में हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि पांच जनवरी, 2022 को मतदाता सूची फाइनल हो रही है। इससे स्पष्ट है कि चुनाव इससे पूर्व नहीं हो सकते हैं। ठंड की वजह से जनवरी में विधानसभा चुनाव की संभावना कम है। चुनाव फरवरी मार्च में होने की ज्यादा उम्मीद है। मई से पूर्व चुनाव हरहाल में होना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव ने पंचायतों के कार्यों की समीक्षा : पंचायती राज व ग्राम विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए पंचायत के कार्यों की समीक्षा की। साथ की प्रत्येक ब्लाक के एक ग्राम प्रधान से भी बात की। अपर मुख्य सचिव ने कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानों से पंचायत सहायक की तैनाती की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। साथ ही सभी को तय अवधि में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने को कहा। प्रधानों ने बताया कि गांवों में फार्म जमा कराए जा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि अगर ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है तो इसी वर्ग से ही पंचायत सहायक की नियुक्ति होगी। किसी अन्य वर्ग की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। पंचायत की प्रशासनिक समिति को इसे गंभीरता से लेना होगा। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।