मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह और उनके बेटे के सपा का दामन थामने से गरमाई सियासत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मऊ के बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के अपने बेटे मन्नू अंसारी के साथ के साथ शुक्रवार को लखनऊ में सपा की सदस्यता ग्रहण करते ही जिले में सियासत गरमा गई। बदले राजनीतिक समीकरण को लेकर भी कयास लगाए जाने लगे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों काे पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
शिबगतुल्लाह के साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी लखनऊ पहंचे थे, जिन्होंने सपा की सदस्यता ग्रहण की। वह मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2007 में सपा और 2012 कौमी एकता दल से जीत दर्ज की थी। वहीं 2017 के विधानसभा बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। करीब 13 वर्षों बाद सिबगतुल्लाह के दोबारा सपा में जाने के बाद जिले की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सिबगतुल्लाह के बेटे मन्नू द्वारा सपा की सदस्यता पर तमाम चर्चाएं भी हो रही हैं।
2022 के चुनाव में मन्नू को सपा से टिकट मिलने की भी अटकलें तेज हो गई हैं। वर्ष 2019 में भी अंसारी भाइयों के सपा में जाने की खबर पर सियासी हलचल तेज हो गई थी, लेकिन अखिलेश यादव ने इसका कड़ा विरोध किया। इसपर सभी भाइयों ने बसपा की सदस्या ले ली। अफजाल अंसारी ने गठबंधन की ओर से बसपा से लोकसभा का चुनाव भी जीता। सिबगतुल्लाह और उनके बेटे मन्नू द्वारा सपा ज्वाइन करने के बाद 2022 विधानसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प होने वाला है।
2007 में पहली बार सपा से हुए थे विधायक : पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के सपा में शामिल होने से इलाके में राजनीतिक समीकरण काफी तेजी से पलटता दिख रहा है। मुहम्मदाबाद कस्बे के यूसुफपुर दर्जी मुहल्ला के रहने वाले नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन स्व.काजी सुबहान उल्लाह अंसारी के सबसे बड़े पुत्र सिबगतुल्लाह अंसारी नगर के डा.एम.ए.अंसारी इंटर कालेज से प्रधान लिपिक पद से सेवानिवृत्त होकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किए। पहली बार वह अपने मझले भाई सांसद अफजाल अंसारी के खाली सीट मुहम्मदाबाद विधान सभा से वर्ष 2007 में सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर विजयी हुए। चुनाव जीतकर वह पहली बार विधायक बने। दोबारा 2012 में सांसद अफजाल अंसारी के बनाए गए कौमी एकता दल से चुनाव जीते। वहीं 2017 में बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी अलका राय से हार का सामना करना पड़ा।
पूर्वांचल में बदले समीकरण : मुख्तार अंसारी के परिवार के अधिकतम सदस्यों का बसपा और कौमी एकता दस के अलावा सपा से भी संबंध रहा है। समय समय पर आस्था भी बदली और सियासी दलों से जुड़ाव भी बदला है। अब छोटी पार्टियों से बड़ी पार्टियों का संबंध पूर्वांचल में सियासी समीकरण बना रहा है तो दिग्गजों का का पाला बदलना पार्टियों के बीच चर्चा का विषय भी बन रहा है।