Today Breaking News

Ghazipur: अभी 80 फीसदी ही हो सका गाजीपुर मेडिकल कालेज का निर्माण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर शहर में राजकीय मेडिकल कालेज भवन का निर्माण अभी 80 फीसदी कार्य ही हो सका है। ऐसे में मेडिकल कालेज के संचालन को लेकर अभी स्थितियां साफ नहीं हो पाई हैं। कालेज के तीन विभागों एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री एवं फिजियोलॉजी के संचालन से पूर्व फर्नीचर और उपकरण का कार्य शेष है।

यही नहीं कालेज से संबद्ध जिला और महिला अस्पताल को मिलाकर बेडों की संख्या 300 है, जबकि मानक 360 बेड पर पूर्ण होता है। ऐसे में कालेज प्रशासन 78 और बेडों के लिए नए वार्ड बनाने का दावा कर रहा है। अगले तीन से चार दिनों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम आने वाली है। ऐसे में मेडिकल कालेज के मानक पर खरा उतरने को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है।

नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने के लिए नगर के आरटीआई मैदान में करोड़ों रुपये की लागत से राजकीय मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू हुआ। विभागाध्यक्षों के तैनाती एवं जूनियर डॉक्टरों के आने से लोगों में कालेज के जल्द संचालन एवं डॉक्टरों की नई पौध तैयार होने की उम्मीद जगी है कि जिले में अब चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी नहीं होगी और यहां से जिले के साथ देश को चिकित्सक मिल सकेंगे। जबकि उन्हें अभी इसके लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

इसकी वजह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से निर्धारित मानक पूर्ण होते नहीं दिख रहे हैं। मानक अनुसार कालेज से संबद्ध अस्पतालों में बेड की संख्या 360 होनी चाहिए, लेकिन जिला और महिला अस्पताल मिलाकर बेड की संख्या 300 ही है। वहीं संचालित होने वाले एनाटॉमी, बोयोकेमेस्ट्री और फिजियोलॉजी विभागों के उपकरण की खरीदारी भी अब तक नहीं हो सकी है। वजह कालेज के भवन निर्माण कार्य अब तक मात्र 80 प्रतिशत ही हो पाया है। ऐसे में जब तक कार्यदायी संस्था भवन को पूर्ण कर कालेज प्रशासन को सुपुर्द नहीं करेगी, तब-तक उपकरण एवं फर्नीचर की खरीदारी नहीं हो पाएगी। ऐसे में सहजता से अनुमान लगाया जा सकता है कि अभी मेडिकल कालेज के संचालन और एमसीआई मानक पर खरा उतरने में समय लग सकता है।

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के मानक पर खरा उतरने के लिए बेडों की संख्या बढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। हालांकि अब तक कार्यदायी संस्था ने कालेज भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है। ऐसे में उपकरण एवं फर्नीचर की खरीदारी को लेकर अभी समय है। वैसे टीम के मानक को पूर्ण करने का कार्य तेजी से चल रहा है।- डॉ. राजेश सिंह, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज।

विभिन्न बीमारियों के लिए तय हो रही बेड संख्या

मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला और महिला अस्पताल में विभिन्न विभागों में अलग बीमारियों के मरीजों को भर्ती करने के लिए बेडों की संख्या निर्धारित की जा रही है। इसमें चर्म रोग के लिए दस बेड, सर्जरी के लिए 78 बेड, मेडिसिन के लिए 78, आर्थो 25 बेड, आंख के मरीजों के लिए दस बेड, टीबी के मरीजों के लिए दस बेड, नाम, कान और गला के लिए दस बेड, मानसिक रोग के मरीजों के लिए दस बेड, बाल रोग से संबंधित 24 बेड, महिला मरीजों के लिए 45 बेड, आईसीयू में 30 बेड और आपातकालीन वार्ड में 30 बेड होने चाहिए। इसके बाद ही एमसीआई के मानक पर मेडिकल कालेज खरा उतरेगा। इसके पूर्ण नहीं होने पर दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

'