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लोन देने वाले बैंक में ही अब रखना होगा चालू खाता, आरबीआइ ने जारी की नई गाइडलाइन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की नई गाइडलाइन के अनुसार ऋण लेने वाले ग्राहकों का अब चालू खाता केवल ऋण देने वाले बैंक में ही होगा। इस नियम का पालन नहीं करने पर 31 अक्टूबर के बाद अन्य बैंकों में चल रहे चालू खाते बंद कर दिए जाएंगे। अभी तक व्यवसायी वर्ग जिस बैंक से ऋण लेता है, उस बैंक को छोड़कर अन्य बैंकों के चालू खाते से अपना व्यवसायिक लेन-देन करता है। ऋण अनुशासन बनाए रखने के लिए आरबीआइ ने अपने सर्कुलर में कहा है कि ऋण लेने वाले ग्राहकों का केवल उसी बैंक में चालू खाता होगा जहां से उसने ऋण लिया है।

इसके साथ ही उस खाते में कुल उधारी का कम से कम दस फीसद हिस्सा जमा भी रखना होगा। इसके लिए बैंकों ने अब अपने ग्राहकों को ई-मेल भेजकर चालू खाता बंद और फ्रीज करने की जानकारी देनी शुरू कर दी है। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रवीण कुमार झा ने बताया कि नए नियम लागू करने के पीछे बैंक का स्पष्ट मकसद यह है कि वह कैश फ्लो पर नजर रख सकेंगे। वहीं फंड की हेराफेरी पर लगाम भी लगा सकेंगे। मौजूदा समय में जुर्माने का प्रावधान होने के बाद भी व्यवसायी कई बैंकों में चालू खाते खोलवाकर फंड की हेराफेरी कर रहे हैं। इसमें ग्राहकों को तो असुविधा होगी। वहीं बैंकों के लिए यह एक चुनौतियों भरा काम है।

इस तरह के भेजे जा रहे हैं ई-मेल : बैंक की ओर से ग्राहकों को भेजे गए ई-मेल में साफ तौर पर लिखा है कि- प्रिय ग्राहक, आरबीआइ के दिशा निर्देशों के अनुसार अब आपको केवल एक बैंक में ही चालू खाता रखना है। जिस बैंक से आपने ऋण लिया है, उस बैंक को छोड़कर शेष अन्य बैंकों में चल रहे अपने चालू खाते को 31 अक्टूबर तक बंद करवा लें। निर्धारित तिथि के बाद अन्य बैंकों में चल रहे चालू खाते अपने आप बंद हो जाएंगे। इसमें जमा की हुई रकम आपके ऋण खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

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