राजौरी में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए जेसीओ राम सिंह, पत्नी से किया था ये वादा, पर अधूरे रह गए अरमान, शहादत से पसरा मातम, देखें तस्वीरें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) राम सिंह छह महीने बाद रिटायर होने वाले थे। रिटायरमेंट के बाद परिवार के साथ रहने के उनके बड़े अरमान थे। लेकिन गुरुवार को आतंकी हमले में वे शहीद हो गए। जेसीओ राम सिंह ने अंतिम समय में भी मातृभूमि के लिए अपना फर्ज अदा किया। गोली लगने के बाद भी उन्होंने जवाबी गोलीबारी में आतंकी को ढेर कर दिया। उनकी शहादत की खबर गंगानगर के ईशापुरम में उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। पत्नी अनीता भंडारी बेहोश हो गईं। बच्चे बार-बार बिलखते हुए यही कहते रहे थे कि पापा... छह महीने बाद आपने साथ रहने का वादा किया था। उस वादे को अब कौन निभाएगा। मोहल्ले में लोग गमगीन हैं।
राम सिंह के पांच बच्चों में दो बेटी प्रियंका रावत और करिश्मा नेगी की शादी हो चुकी है। सात साल से उनका परिवार ईशापुरम के बी-28 में रह रहा है। बेटा सोलन एमकॉम की पढ़ाई करते हुए सीडीएस की तैयारी कर रहा है। छोटी बेटी मीनाक्षी और मनीषा पढ़ रही हैं। राम सिंह 27 जुलाई को एक माह की छुट्टी के बाद जम्मू गए थे। वे राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट में तैनात थे, इसलिए आतंकी ऑपरेशन में उनका अक्सर आना-जाना रहता था।
गुरुवार सुबह ही उनकी पत्नी अनीता भंडारी से फोन पर रोजाना की तरह बात हुई थी। शाम को परिजनों को सूचना मिली कि वे शहीद हो गए। घर पर जानकारी मिली तो कोहराम मच गया। पत्नी बदहवास हो गई। बच्चों का बुरा हाल हो गया। पत्नी रोते हुए बस यही कहती रहीं कि अगले साल 28 फरवरी को उनके तीस साल नौकरी में पूरे हो रहे थे।
इसके बाद वे सेवानिवृत्त होकर परिवार के साथ रहने वाले थे। इतने दिन से हम अलग-अलग रह रहे थे, अब साथ रहना था लेकिन बीच में ही साथ छोड़ दिया। बेटा और बेटियां भी बिलखते रहे कि पापा अब तो साथ रहने का समय आया था, अब ही चले गए। परिजनों का दुख देखकर आसपास के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। हर कोई यही कह रहा था कि जब भी आते थे तो सभी से प्यार से बात करते थे।
जेसीओ राम सिंह के शहीद हो जाने की सूचना के बाद क्षेत्र के लोग रात तक उनके घर के बाहर पहुंचते रहे। पूरे इलाके में मातम छा गया। वह मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के सलाना के रहने वाले थे। रिश्तेदार व पैतृक गांव के संबंधी भी मेरठ रवाना हो गए। शुक्रवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर मेरठ लाया जाएगा। आवास पर अंतिम दर्शन के बाद सूरजकुंड श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
अंतिम समय में निभाया सैनिक का कर्तव्य
कसेरूखेड़ा सैनिक कॉलोनी के रहने वाले कैप्टन वीर सिंह रावत व अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि राम सिंह बेहद मिलनसार थे। उनकी बातों में देशभक्ति का जुनून साफ झलकता था। किसी भी परिस्थिति में देश के लिए समर्पित रहने का जज्बा था। लोगों ने बताया कि सूचना आई कि गोली लगने के बाद भी उन्होंने आतंकी को नहीं छोड़ा। लोग उनकी बहादुरी की चर्चा करते रहे। देर रात भाजपा नेता अजीत सिंह ने घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी।