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रुपये के लिए अपनी नाबालिग बेटी की अधेड़ से करा दी शादी, पति के चंगुल से भागकर चाइल्ड लाइन पहुंची पीडि़ता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रुपये के लिए एक महिला द्वारा अपनी नाबालिग बेटी का बाल विवाह कराने का मामला प्रकाश में आया है। 15 वर्षीय बेटी का आरोप है कि शादी के बदले उसकी मां को पैसे मिले हैं। किसी तरह से पति के चंगुल से निकल कर चाइल्ड लाइन पहुंची तो उसे पुलिस के पास ले जाया गया। प्रकरण को लेकर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष के निर्देश पर भेलूपुर थाने में किशोरी की मां और राजस्थान के अलवर निवासी लोकेश पंडित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

भेलूपुर थानांतर्गत सरायनंदन खोजवां क्षेत्र निवासी किशोरी की मां व पिता साड़ी की दुकान में काम करते हैं। उसके पिता कैंसर से पीडि़त हैं और फिलहाल अलीगढ़ में रह रहे हैं। गत छह जून को उसकी मां ने उसकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती उसकी शादी उससे तीन गुने अधिक उम्र के लोकेश पंडित से कारा दी। लोकेश के साथ वह नहीं जाना चाहती थी, लेकिन उसे जबरन भेजा गया। इस बीच उसे लेकर लोकेश वापस बनारस आया तो कैंट रेलवे स्टेशन वह उसे चकमा देकर भाग निकली। लोगों के माध्यम से किसी तरह से वह चाइल्ड लाइन पहुंची। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

पिता के साथ चाहती है रहना

किशोरी ने बताया कि उसे वापस राजस्थान जाने के लिए उसकी मां व पति डरा धमका रहे हैं। वह अपनी मां के साथ नहीं बल्कि पिता के साथ रहना चाहती है। मां के पास रही तो फिर वह राजस्थान भेज देगी। किशोरी के मुताबिक फिलहाल वह वन स्टाप सेंटर पर रह रही है, लेकिन उसकी मां किसी न किसी माध्यम से उस पर घर चलने का दबाव बनाती है। वह मां के साथ तभी जाएगी जब पुलिस व प्रशासन उसे आश्वस्त करे कि उसे राजस्थान नहीं भेजा जाएगा।

किशोरी की हुई काउंसिलिंग

जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय ने बताया कि किशोरी की काउंसिलिंग की गई है। किशोरी के अच्छे भविष्य व उसकी सुरक्षा को देखते हुए जल्द ही इस मामले में उचित फैसला किया जाएगा। किशोरी अपने पिता के पास जाना चाहती है, लेकिन बीमारी के कारण उनकी स्थिति ठीक नहीं है। किशोरी की मां ने पैसे लेकर शादी करने की बात से इन्कार किया है। किशोरी के आरोपों के आधार पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

क्या है वन स्टाप सेंटर

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही वन स्टॉप सेंटर योजना के अंर्तगत निजी और सार्वजनिक स्थलों पर सभी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।

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