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पूर्वांचल विश्वविद्यालय की रात में बदल दी गई पर्यवेक्षकों की सूची, समय से नहीं मिली जानकारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों ने बीएड प्रवेश परीक्षा में बनी पर्यवेक्षक की सूची में हेराफेरी का आरोप लगा है। इसमें एक जाति विशेष के लोगों को लाभ पहुंचाने की शिकायत किया है।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए सरकारी एवं अनुदानित 67 कालेजों को केंद्र बनाया था। जहां पर 134 पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए थे। जिनका नाम पर्यवेक्षक सूची में था वह लोग विश्वविद्यालय पत्र लेने के लिए पहुंचे तो पता चला कि दफ्तर के लोग जिला मुख्यालय गए हैं। देरशाम तक शिक्षकों ने पत्र के लिए इंतजार किया, लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया। बल्कि रात में सूची ही बदल दी गई। जिससे दूसरे दिन परीक्षा केंद्रों पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। कुछ केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने के बाद भी पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे थे।

इनकी बदल दी गई ड्यूटी

आरएसकेडी अनुदानित महाविद्यालय के शिक्षक डाक्टर यदुवंश कुमार, सल्तनत बहादुर पीजी कालेज के डाक्टर कर्मचंद यादव का नाम काटकर अंतिम समय में वित्त विहीन शिक्षक को पर्यवेक्षक बनाया गया। डाक्टर वेद प्रकाश चौबे जिनको पत्र आरएन इंटर कालेज कचगांव का मिला था, जब उन्होंने परीक्षा शुरू करा दिया तब बताया गया कि आपकी ड्यूटी बीएनबी इंटर कालेज मड़ियाहूं लगी है। इसी तरह डाक्टर मार्कण्डेय सिंह जिनको पत्र बीएनबी इंटर कालेज मड़ियाहूं का मिला था। उन्हें बताया गया कि आपकी ड्यूटी मड़ियाहूं पीजी कालेज में लगी है। डाक्टर योगेंद्र सिंह को पत्र सल्तनत बहादुर पीजी कालेज बदलापुर जौनपुर का मिला था, जब उन्होंने परीक्षा शुरू करा दी तो दो पर्यवेक्षक वहां पहुंचे और कहे कि उनकी ड्यूटी वहां है। डाक्टर मनोज मिश्र की ड्यूटी पूर्व सूची में मोहम्मद हसन इंटर कालेज में लगी थी, बाद में इनको टीडी कालेज में लगा दिया गया।

सपा नेता ने कुलपति से की शिकायत

इस पूरे प्रकरण पर पूर्व गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष व सपा नेता डाक्टर केपी यादव ने कुलपति से एक विशेष जाति के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने बीएड परीक्षा के नोडल अधिकारी व जिम्मेदारों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग किया है।

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