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Ghazipur: तीन किलोमीटर के क्षेत्र में कटान से 50 बीघा से अधिक भूमि गंगा में समाहित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का असर सहायक नदियों पर दिख रहा है। वहीं जलस्तर में बढ़ाव होने सेमरा से शेरपुर के बीच जगह जगह काफी तेज कटान हो रही है। करीब तीन किलोमीटर के क्षेत्र में कटान से 50 बीघा से अधिक कृषि भूमि गंगा में समाहित हो गई है.

गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से शेरपुर के परिया तिरपन, सत्तर से शेरपुर घाट, माघी तक जबर्दस्त कटान हो रहा है। इससे कई पुरवों के अस्तित्व पर खतरा मडराता नजर आ रहा है। कटान की जानकारी होने पर एडीएम राजेश कुमार सिंह, एसडीएम राजेश गुप्ता, सिचाई विभाग देवकली पंप नहर के अधीक्षण अभियंता एससी शर्मा, अधिशासी अभियंता राजेंद्र प्रसाद टीम के साथ पहुंचकर हालात का जायजा लिए व बचाव को लेकर मातहतों को निर्देशित करते रहे।

गंगा की जलस्तर बढ़ने से कर्मनाशा भी उफान पर:भदौरा गंगा का जलस्तर बढ़ने से कर्मनाशा नदी भी उफान पर आ गई है। शनिवार को कर्मनाशा के तटीय इलाकों के घरों व झोपड़ियों मे बाढ़ का पानी समाने लगा जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ऐसे ही जलस्तर बढ़ता रहा तो मगरखाई और भतौरा गांव के कई घरों में पानी समा जाएगा। लोग मवेशी व जरूरी सामानों को सुरक्षित जगह हटाने लगे हैं। 

यहां बात दें कि वर्ष 2013 व वर्ष 2016 में कर्मनाशा का रौद्र रूप देख चुके ग्रामीणों में तरह-तरह की आशंकाएं हैं। तब मगरखाई, कतुबपुर व भतौरा गांव के लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा था। हालांकि, अभी गांव के निचले क्षेत्र में पशुओं की झोपड़ी व दो - चार घरों के दहलीजों तक पानी पहुंच गया है। वहीं पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो मगरखाई व भतौरा जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा।

पानी भरने से फसल बर्बाद: भदौरा में गंगा और कर्मनाशा के तटीय मैदानी इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है जिससे फसले बर्बादी के कगार पर पहुंच गयी है। गंगा के तटीय बारा से कुतुबपुर सब्जी की सारी फसले बाढ़ के पानी से डूब गई हैं। वही, मगरखाई, कुतुबपुर, भतौरा, दलपतपुर गांव का कुछ मैदानी भाग कर्मनाशा के पानी से भर गया है। बाढ़ से पीड़ितों को सहायता करने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।

पशुओं के चारे का संकट

रेवतीपुर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बीरउपुर, अठहठा, हसनपुरा, नगदिलपुर है। इसमें सबसे ज्यादा संकट पशुओं के चारे का हो गया है। गांव के चारों तरफ से बाढ़ का पानी घेर लिया है जिसके चलते खेत भी डूब गए हैं । रेवतीपुर से मां कामाख्या धाम जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से रास्ता बंद हो गया है । उधर, नसीरपुर-हसनपुरा वाले रोड पर पानी आ जाने की वजह से भी पुल का अप्रोच टूट जाने की वजह से और भी खतरा बढ़ गया है।

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