गांवों में विकास कराने के गुर सीखेंगे ग्राम प्रधान, 15 अगस्त के बाद शुरू होगी ट्रेनिंग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गांवों में प्रधानी की जंग जीतने वालों को फिर विकास करने के गुर सिखाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश पंचायतीराज विभाग इसका खाका तैयार कर रहा है। स्वतंत्रता दिवस के बाद विकासखंड मुख्यालयों पर प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकांश मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा चुके हैं, अब कुछ का ही चयन होना है। हर जिले में चार से पांच मास्टर ट्रेनर भेजने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही गांवों की सरकार बन गई। केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग से गांवों को धन भी मिलने जा रहा है। चुने गए ग्राम प्रधानों में से कुछ ही ऐसे हैं जो फिर निर्वाचित हुए हैं, आरक्षण बदलने से ज्यादातर प्रधानों का नया निर्वाचन है, वे आसानी से कामकाज कर सकें। इसके लिए जरूरी है कि योजनाओं के साथ ही उन्हें संचालित कैसे करना है इसकी जानकारी हो। पंचायतीराज विभाग सभी निर्वाचित ग्राम प्रधानों को इसका प्रशिक्षण देने जा रहा है। निर्वाचन के एक माह के भीतर ही सभी 58,189 ग्राम प्रधानों को जुलाई माह में जूम एप के माध्यम से आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। अब उन्हें शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए भौतिक रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका खाका खींचा जा चुका है।
दूसरे चरण के प्रशिक्षण के लिए करीब 300 मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा चुके हैं, लगभग 100 मास्टर ट्रेनर और तैयार किए जाएंगे। उन सभी को चार से पांच की संख्या में जिलों में भेजा जाएगा, वे विकासखंडवार कार्यक्रम बनाकर सभी को प्रशिक्षित करेंगे। विभाग प्रशिक्षण के लिए ग्राम प्रधानों का 40-40 की संख्या में बैच बना रहा है। वे गांवों में संचालित सभी विकास योजना व उनके संचालन की विस्तार से जानकारी देंगे।
पंचायतीराज विभाग ने यूनीसेफ के सहयोग से आनलाइन प्रशिक्षण के लिए वीडियो भी तैयार कराए थे, उनका भी प्रशिक्षण में उपयोग किया जाएगा, यानी प्रशिक्षण भले ही शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए होगा लेकिन माध्यम वीडियो व भाषण शैली का रहेगा। विभाग की ओर से कहा गया है कि आनलाइन प्रशिक्षण में कई प्रधानों की जिज्ञासाओं का समाधान नहीं हो सका इस बार उन सबको फायदा होगा। ये भी पढ़े: Gram Panchayat Sahayak Bharti 2021: 58 हजार ग्राम पंचायत सहायक पदों पर भर्ती के लिए 17 अगस्त तक है मौका, फार्म भरते समय इन बातों का रखें ध्यान